रांची/हैदराबादः आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को देशभर में गुरु पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन गुरु की पूजा की जाती है लेकिन इस बार गुरु पूर्णिमा पर ग्रहण की छाया पड़ने वाली है. खंडग्रास चंद्र ग्रहण को लेकर कई तरह की भ्रम की स्थिति है. धर्म में आस्था रखने वाले गुरु पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त और चंद्र ग्रहण के सूतक काल को जानना चाहते हैं वहीं विज्ञान में रुचि रखने वाले इसकी वजह समझना चाहते हैं. 2 जुलाई को सूर्य ग्रहण के ठीक 14 दिन बाद अब चंद्र ग्रहण है. हालांकि सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सका था लेकिन चंद्र ग्रहण भारत के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा.
इस साल कुल 2 चंद्र ग्रहण के योग हैं, जिसमें पहला चंद्र ग्रहण 21 जनवरी को लग चुका है. अब दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 16 जुलाई को लग रहा है. इस दिन गुरु पूर्णिमा भी है लिहाजा इसका महत्व बढ़ जाता है. ज्योतिषीय संयोगों की वजह से इसे दुर्लभ माना जा रहा है. 149 साल बाद गुरु पूर्णिमा पर ग्रहण का योग बना है. गुरु पूर्णिमा पर खंडग्रास चंद्र ग्रहण की वजह से कई जगहों पर मंदिरों और आश्रमों में पूजा के समय में बदलाव किया गया है. सूतक लगने से पहले ही गुरु पूर्णिमा की पूजा खत्म करने का विधान है. सूतक लगने के बाद कोई भी शुभ काम करना अच्छा नहीं माना जाता है.
गुरु पूर्णिमा 2019 मुहूर्त
तिथि आरंभः 16 जुलाई को 01.48 बजे से
तिथि समाप्तः 17 जुलाई को 03:07 बजे तक