रांचीः रांची विश्वविद्यालय के कॉलेज और पीजी विभाग में 2017 से अतिथि शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं लेकिन दुर्भाग्य है पिछले 27 महीनों से इन्हें मानदेय नहीं दिया गया है. अब आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं ये अतिथि शिक्षक. कोरोना के कारण इनकी समस्या और बढ़ गई है. दरअसल रांची विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी थी. यही वजह है कि 2017 में गेस्ट टीचर्स की बहाली सेकंड शिफ्ट में पढ़ाने के लिए की गई थी.
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इसमें पढ़ाने वाले अतिथि टीचर्स पीएचडी किए हुए हैं और सभी में काफी काबिलियत है, लेकिन शुरुआती दौर में 2018 का मानदेय पूरा दिया गया. 2019 से आज तक इन्हें मानदेय नहीं दिया गया है. रांची के कई अंगीभूत कॉलेजों के कई विभाग अतिथि टीचर के भरोसे ही चल रहा है. कोरोना के संक्रमण काल में ये शिक्षक ऑनलाइन विद्यार्थियों को पढ़ाते भी रहे हैं. अब आर्थिक संकट से खुद यह बेहाल हो चुके हैं.
आरयू में 37 गेस्ट फैकल्टी
रांची यूनिवर्सिटी में अभी 37 अतिथि शिक्षक पठन-पाठन का काम मूल्यांकन का काम कॉलेज के अन्य काम पूरी निष्ठा के साथ कर रहे है. एक स्थाई टीचर्स के बराबर सभी काम ये शिक्षक करते हैं. फिर भी मानदेय के लिए इन शिक्षकों को टाला जाता रहा है.