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अतिथि शिक्षकों को 27 महीने से नहीं मिला मानदेय, कोरोना काल में भुखमरी की कगार पर

रांची विवि व उससे जुड़े कॉलेजों में अतिथि शिक्षकों को पिछले 27 महीनों से इन्हें मानदेय नहीं दिया गया है. ऐसें में कोरोना त्रासदी में इन शिक्षकों पर भुखमरी की नौबत आ गई है. ये शिक्षक विवि प्रशासन से बकाया भुगतान की गुहार लगा रहे हैं.

नहीं मिल रहा मानदेय
नहीं मिल रहा मानदेय

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Published : May 5, 2021, 10:18 AM IST

रांचीः रांची विश्वविद्यालय के कॉलेज और पीजी विभाग में 2017 से अतिथि शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं लेकिन दुर्भाग्य है पिछले 27 महीनों से इन्हें मानदेय नहीं दिया गया है. अब आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं ये अतिथि शिक्षक. कोरोना के कारण इनकी समस्या और बढ़ गई है. दरअसल रांची विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी थी. यही वजह है कि 2017 में गेस्ट टीचर्स की बहाली सेकंड शिफ्ट में पढ़ाने के लिए की गई थी.

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इसमें पढ़ाने वाले अतिथि टीचर्स पीएचडी किए हुए हैं और सभी में काफी काबिलियत है, लेकिन शुरुआती दौर में 2018 का मानदेय पूरा दिया गया. 2019 से आज तक इन्हें मानदेय नहीं दिया गया है. रांची के कई अंगीभूत कॉलेजों के कई विभाग अतिथि टीचर के भरोसे ही चल रहा है. कोरोना के संक्रमण काल में ये शिक्षक ऑनलाइन विद्यार्थियों को पढ़ाते भी रहे हैं. अब आर्थिक संकट से खुद यह बेहाल हो चुके हैं.

आरयू में 37 गेस्ट फैकल्टी

रांची यूनिवर्सिटी में अभी 37 अतिथि शिक्षक पठन-पाठन का काम मूल्यांकन का काम कॉलेज के अन्य काम पूरी निष्ठा के साथ कर रहे है. एक स्थाई टीचर्स के बराबर सभी काम ये शिक्षक करते हैं. फिर भी मानदेय के लिए इन शिक्षकों को टाला जाता रहा है.

कोरोना के संक्रमण दौर में अपना घर परिवार चलाना अब मुश्किल हो रहा है. डॉक्टर मोहम्मद ताल्हा बताते हैं कि पूरी योग्यता के साथ हमारी बहाली विश्वविद्यालय ने की थी.

रांची विश्वविद्यालय प्रशासन पिछले 27 महीनों से झूठा आश्वासन देता आ रहा है और अधिकारियों के टालमटोल की नीति ने सिर्फ दुख तकलीफ और पीड़ा दी है.

विवि के पास नहीं है जबाब

रांची विश्वविद्यालय में जब शिक्षकों की कमी थी और बुरे वक्त में यही अतिथि शिक्षकों ने पढ़ाया. रांची विश्वविद्यालय में कई बड़े आला अधिकारी हैं. रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ कामिनी कुमार और रजिस्ट्रार डॉ मुकुल चंद्र मेहता से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा फाइल देखने के बाद ही स्पष्ट कुछ कहा जा सकता है.

शिक्षक पहुंचे विश्वविद्यालय

एक बार फिर इन शिक्षकों ने रांची विश्वविद्यालय का दरवाजा खटखटाया है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बावजूद शिक्षक विश्वविद्यालय के मुख्यालय पहुंचे और वीसी, रजिस्ट्रार से मानदेय रिलीज करने की गुहार लगाई, लेकिन इन्हें विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला.

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