रांचीः रांची वीमेंस कॉलेज की दूसरी ग्रेजुएशन सेरेमनी का आयोजन कॉलेज कैंपस में किया गया. इस मौके पर राज्यपाल रमेश बैस ने टॉपर छात्राओं को डिग्री और मेडल प्रदान कर सम्मानित किया. राज्यपाल के हाथों मेडल लेकर छात्राएं काफी उत्साहित नजर आईं.
रांची वीमेंस कॉलेज के ग्रेजुएशन सेरेमनी में शामिल हुए राज्यपाल रमेश बैसः कहा- उपाधि लेना सिर्फ औपचारिकता नहीं बल्कि एक दायित्व है
रांची वीमेंस कॉलेज के ग्रेजुएशन सेरेमनी में राज्यपाल रमेश बैस शामिल हुए. उन्होंने छात्राओं को सम्मानित किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की. राज्यपाल ने कहा उपाधि लेना सिर्फ औपचारिकता नहीं बल्कि एक दायित्व भी है.
रांची वीमेंस कॉलेज की दूसरी ग्रेजुएशन सेरेमनी के मौके पर समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह के दौरान राज्यपाल रमेश बैस मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए. इस मौके पर रांची विश्वविद्यालय की कुलपति कामिनी कुमार, रजिस्ट्रार एमसी मेहता, कॉलेज की प्रिंसिपल, विद्यार्थियों के अभिभावक और मेडल और डिग्री पाने वाले तमाम विद्यार्थी शामिल हुए. 131 छात्राओं का नाम गोल्ड मेडल के लिए चयनित किया गया था. इसमें से विषयवार 110 टॉपर और ओवरऑल कैटेगरी में 21 छात्राएं शामिल है.
हालांकि इस समारोह के दौरान यूजी और पीजी के तीन-तीन और B.ed के दो सत्रों की 89 छात्राओं को ही गोल्ड मेडल प्रदान किया गया. इसमें 74 गोल्ड मेडल सब्जेक्ट टॉपर और 15 छात्राएं ओवरऑल कैटेगरी की है. इस दौरान आयोजित सत्र 2015-18, पीजी सत्र 2016-18 और बीएड सत्र 2016-18 की छात्राओं को भी डिग्री प्रदान की गयी. इस समारोह के लिए ड्रेस कोड भी लागू किया गया था. इसके तहत छात्राओं का ड्रेस कोड मे सफेद सूट और लाल दुपट्टा या लाल बॉर्डर वाली सफेद साड़ी निर्धारित की गयी थी और इसी ड्रेस कोड के तहत राज्यपाल के हाथों छात्राओं ने मेडल और उपाधि प्रदान किया. आर्ट्स ब्लॉक के सभागार में यह कार्यक्रम आयोजित की गयी.
राज्यपाल रमेश बैस ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्हें डिग्री और मेडल के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी है. इस दौरान उन्होंने कहा कि उपाधि मिलना सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है बल्कि यह एक दायित्व भी है. आने वाले समय में उनके जीवन में कई परिवर्तन आएंगे. विद्यार्थी आगे के पढ़ाई के साथ-साथ समाज निर्माण में भी जुड़ेंगे. इसलिए उनके जीवन में आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है. इधर गोल्ड मेडल मिलने के बाद छात्राओं में भी काफी खुशी देखी गई. छात्राओं की मानें तो आज महिलाएं किसी से भी कम नहीं है, अगर उन्हें सही दिशा मिल जाए तो वह कोई भी मुकाम पा सकती हैं.
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