रांची: भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. बदलाव दिख रहा है. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने दीपाटोली स्थित केंद्रीय विद्यालय और आर्मी पब्लिक स्कूल के बच्चों से मिलकर अपने बचपन की यादें साझा की. उन्होंने कहा कि आज आपको स्कूल में सारी सुविधाएं मिल रही हैं. अच्छे शिक्षक हैं. लेकिन हमारे बचपन में पढ़ना आसान नहीं था. उन्होंने कहा कि उनके स्कूल में खिड़कियां नहीं थी. बारिश होने पर किताबें भींगने की संभावना रहती थी. इसलिए बच्चे दीवार की आड़ में खड़े हो जाया करते थे.
स्कूल में नहीं थी खिड़की, बारिश होने पर दीवार की आड़ में होना पड़ता था खड़ा, राज्यपाल ने बच्चों से साझा की बचपन की यादें
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को केंद्रीय विद्यालय और आर्मी पब्लिक स्कूल के बच्चों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने बच्चों से अपनी बचपन की यादें साझा की.
राज्यपाल ने कहा कि अब स्थितियां बदल चुकी हैं. आज पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारा देश विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. अब हम तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर हो रहे हैं. राज्यपाल ने कहा कि आने वाले समय में भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश होगा. इसके लिए आपको कठिन मेहनत करना है, हर दिन निर्धारित कार्य को पूरा करना है, अनुशासित रहना है. आप जिस काम को करने बैठे उस काम को तल्लीनतापूर्वक करें. एक बार सफलता न मिले तो उसके लिए निराश होने की जरूरत नहीं है. आप दुगने उत्साह से अपना लक्ष्य निर्धारित कर लगातार प्रयास करते रहे, सफलता जरूर मिलेगी.
उन्होंने अब्राहम लिंकन का उदाहरण दिया कि कैसे वो शुरू में कुछ चुनाव हार जाने के बाद भी हतोत्साहित न होते हुए लगातार मेहनत करते हुए लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे और अमेरिका का राष्ट्रपति निर्वाचित हुए. लेकिन पद पर आसीन होने से ही लोग बड़ा नहीं होता है. जब लोग उनके द्वारा किए गए नेक काम को याद करते हैं, तब वह महान बनता है. आज अब्राहम लिंकन को लोग इसलिए याद करते है क्योंकि गुलामी की प्रथा को समाप्त करते हुए उन्होंने मानवता के लिए अभूतपूर्व कार्य किया था.
बच्चों से संवाद करते हुए उनके द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर भी दिया. उन्होंने कहा कि झारखंड में शिक्षा-दर लगातार बढ़ रहा है और अगले पांच वर्षों में झारखंड देश का सबसे शिक्षित राज्य हो सकता है. एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारे देश का गौरवशाली इतिहास रहा है. राजा राजेंद्र चोल ने विदेशों में भी विजय पताका फहराया था. उन्होंने कहा कि तनावग्रस्त होने पर मेडिटेशन करने से ध्यान नहीं भटकता है, बुरे विचार नहीं आते हैं और एकाग्रतापूर्वक कार्य करने में सहायता मिलती है. राज्यपाल के स्वागत में बच्चों ने सास्कृतिक कार्यक्रम पेश किया. उन्होंने बच्चों के इनोवेशन से जुड़ी प्रदर्शनी भी देखी.