रांची: बीआईटी मेसरा के दिक्षांत समारोह (Convocation ceremony of BIT Mesra) में शामिल हुए राज्यपाल रमेश बैस ने छात्रों को उनके आगे की करियर के लिए शुभकामनाएं दीं. राज्यपाल रमेश बैस ने समारोह के दौरान कहा कि बीआईटी मेसरा के कुलपति प्रोफेसर इंद्रनील मन्ना अभियांत्रिकी विषयों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इसके संकाय सदस्यों ने प्रशिक्षण, वेबिनार तथा उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन पर राज्यस्तरीय कार्यशाला में भाग लिया. उन्होंने बीआईटी में नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए कुलपति और सभी संकाय सदस्यों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इससे इस संस्थान में अनुसंधान व शोध कार्यों को और गति मिलेगी.
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राज्यपाल ने की BIT की प्रशंसा:राज्यपाल ने कहा कि हाल ही में, बीआईटी के संकाय सदस्य (AICTE) आइडिया लैब, दलमा जंगल में पहला फेनोमेट सेंसर की स्थापना, भोजन की पोषण गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अनाज का फोर्टिफिकेशन आदि जैसी विभिन्न नई शोध पहलों के लिए चर्चा में रहे हैं. राज्यपाल ने कहा कि मुझे यकीन है कि आने वाले वर्षों में, इस संस्थान के कई विद्यार्थियों और शिक्षकों द्वारा नए अभिनव समाधान, पेटेंट और उपयोगी उत्पाद तैयार किए जाएंगे.
झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि 'प्रत्येक तकनीकी शिक्षण संस्थान को अन्वेषण और रचनात्मकता के क्षेत्र में इसी प्रकार निरंतर बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए. यह संस्थान गुणात्मक शिक्षा और शोध को प्रोत्साहन देने में अग्रणी संस्थान के रूप में जाना जायेगा, ऐसा मेरा विश्वास है. हमें इनोवशन और रचनात्मकता को बढ़ावा देना होगा. आपका संस्थान इनोवेशन और शोध को प्रोत्साहन देने में एक अग्रणी संस्थान के रूप में जाए, ऐसा मैं चाहता हूं' बीआईटी मेसरा के पूर्ववर्ती विद्यार्थियों ने देश के विकास में अमूल्य योगदान दिया है. राजीव कौल, राम गोंविंदराजू, गुरुदीप सिंह पाल, गौतम सिन्हा समेत आदि कई पूर्ववर्ती विद्यार्थियों ने अपने व्यावसायिक जीवन में भी बड़ी सफलता हासिल की है, और कई प्रसिद्ध उद्योगपति, वैज्ञानिक और विदेशों में प्रोफेसर भी हैं. मुझे विश्वास है कि आप सब उपाधि ग्रहण करने वाले विद्यार्थी भी अपने पूर्ववर्ती विद्यार्थियों की इसी गरिमामयी विरासत को कायम रखेंगे.'
राज्यपाल ने कहा कि 'आप अपने जीवन में हमेशा कुछ न कुछ सीखने की लालसा रखें. हमेशा कुछ न कुछ नया सीखने वाला व्यक्ति ही इस नए दौर की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होगा. आपका बौद्धिक निर्माण एक ऐसे संस्थान में हुआ है जिसकी समृद्ध विरासत रही है. यह भी एक निर्विवाद सत्य है कि इस प्रतिष्ठित संस्थान के विद्यार्थी विश्व में कहीं भी हों, उन्होंने अपने चुने हुए क्षेत्रों में एक विशिष्ट पहचान स्थापित बनाई है. आप अपने ज्ञान और कौशल से देश और समाज के विकास में योगदान दें, जो आपने इस शिक्षण संस्थान से हासिल किया है.'
उन्होंने कहा कि 'शिक्षा का महत्व उपाधि ग्रहण करने या नौकरी के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर लेने मात्र तक सीमित नहीं होना चाहिए. इसका वास्तविक महत्व एक बेहतर, जिम्मेदार और चरित्रवान नागरिक के रूप में राष्ट्र के विकास में योगदान देना है. शिक्षण संस्थानों का कर्तव्य विद्यार्थियों में चेतना जागृत कर जीवन में बेहतर करने की भूख जगाना, उनमें आत्मनिर्भरता पैदा करना और उन्हें एक सम्पूर्ण व्यक्तित्व देना भी होना चाहिए. आज हमारा देश दुनिया की प्रगतिशील अर्थव्यवस्था में शामिल है'
जॉब क्रिएटर बने यहां के छात्र:राज्यपाल ने कहा कि 'आप लोगों में जॉब क्रिएटर बनने की भी असीम क्षमता है. मुझे विश्वास है कि इस संस्थान के विद्यार्थी आने वाले समय में राष्ट्र के विकास व ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण में अपनी अग्रणी भूमिका निभाएंगे. हम सभी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. राज्यपाल ने कहा कि आप सभी युवाओं को से विभिन्न उद्योगों में और क्षेत्रों में मेक-इन-इंडिया पहल में शामिल होने का आग्रह किया. आपको एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान से उच्च शिक्षा हासिल करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. आपके पास समाज में सकारात्मक बदलाव लाने एवं खुशहाली को बढ़ावा देने की शक्ति है। सभी क्षेत्रों में विश्व का नेतृत्व करने वाले 'नए भारत' के सपने को साकार करने के लिए सदा ऊर्जावान होकर, पूरे जोश व संकल्प के साथ कार्य करें.'
दीक्षांत को शिक्षांत समारोह न समझें छात्र:राज्यपाल ने कहा कि 'ज्ञान का कोई अंत नहीं होता है. जीवन में हमेशा नया कुछ सीखने की लालसा रखनी चाहिए. अभी आपको ज़िंदगी की कसौटियों व चुनौतियों पर खरा उतरना है और रूबरू भी होना है. आपका तकनीकी ज्ञान, आपका चरित्र आपको जीवन में सफल होने में सहायक होगा.