रांची:झारखंड पुलिस मुख्यालय में डीजीपी कमल नयन चौबे की अध्यक्षता बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में डीजीपी ने अधिकारियों के साथ राज्य में पुलिस की कई कई सेवाओं को निजी एजेंसियों के हाथ में दिए जाने के लिए चर्चा की. केंद्र सरकार की गठित अलग-अलग कमेटियों की कुल 49 अनुशंसापर डीजीपी कमल नयन चौबे ने अपनी टीम के साथ चर्चा किया.
साइबर और डाक पहुंचाने में निजी सेवा
बैठक में यह विचार किया गया कि पुलिस सम्मन, वारंट तमिला दूसरी एजेंसी से कराया जाए. जिससे, पुलिस का समय बच सकता है. कॉलेज की सुरक्षा, परीक्षा केंद्र की सुरक्षा सशक्त निजी सुरक्षा एजेंसी या होमगार्ड से करवाई जाए. पुलिस में साइबर अपराध से जुड़े मामलों में अनुसंधान के लिए निजी एजेंसी की मदद ली जा सकती है. साइबर विशेषज्ञ और तकनीकी जानकारों से मदद लेकर साइबर अपराधियों के खिलाफ अधिक सफलता पाई जा सकती है. वैसे ही पुलिस के डाक को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय पहुंचाने के लिए पुलिसकर्मियों को ही डाक कार्य में लगाया जाता है. अब इस काम को निजी हाथों में सौंपे जाने पर विचार किया गया है. झारखंड सरकार में पुलिस आधुनिकीकरण के लिए नई योजनाएं भी लागू करने की योजनाओं को तैयार किए जाने को लेकर भी चर्चा की गई.