रांची:झारखंड में कई सरकारी दफ्तर किराए के मकान में चल रहे हैं. इसकी वजह से राजस्व की क्षति होती है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निर्देश दिया है कि कई जिलों में समाहरणालय और अनुमंडल कार्यालयों के लिए नए भवन बन रहे हैं. इनके शिफ्ट होने पर खाली पड़े पुराने भवनों में किराए में चलने वाले ऑफिस को शिफ्ट किया जाए. सरकारी भवनों के निर्माण में गुणवत्ता और समय सीमा के भीतर निर्माण कार्य पूरा करने का भी निर्देश दिया गया है.
उपयोगिता को ध्यान में रखकर ही सरकारी भवनों का निर्माण
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि उपयोगिता को ध्यान में रखकर ही सरकारी भवनों का निर्माण कराना है. भवन निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जमीनों पर विभाग द्वारा भवनों का निर्माण कराया जा रहा है, उसकी पूरी जानकारी विभाग उपलब्ध कराएं. उन्होंने कहा कि जिन जमीनों पर नए भवन बनाए जाने हैं ,उसके अधिग्रहण की वस्तु स्थिति की जानकारी दें. इसके साथ उस जमीन का अतिक्रमण नहीं हो इसका भी पूरा ध्यान रखा जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बनाए जाने वाले सभी सरकारी भवनों की अलग पहचान होनी चाहिए. इसमें इंटीरियर डिजाइनिंग, फर्नीचर और रंगों के चयन आदि में विशेष ध्यान रखा जाए. इन भवनों को देखने से ऐसा लगे कि यह झारखंड सरकार की बिल्डिंग है.
भवन निर्माण विभाग के नए भवनों का ब्यौरा
हजारीबाग में समाहरणालय का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. गिरिडीह, गोड्डा और धनबाद में निर्माण कार्य प्रगति पर है. नई दिल्ली में नए झारखंड भवन और दुमका में कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है. बोकारो और गढ़वा में नए समाहरणालय भवन, सिमरिया सरिया बगोदर और जामताड़ा में अनुमंडल कार्यालय बनाने का प्रस्ताव है.
भवन निर्माण की प्रस्तावित योजनाएं