रांचीः NHM झारखंड ने आने वाले दिनों में राज्य में लू और तपिश भरी गर्मी के दौरान लोगों को हीट स्ट्रोक के चलते होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने की तैयारियों को लेकर एक मार्गदर्शिका जारी की है. जिसके अनुसार राज्य के सरकारी अस्पतालों में हीट स्ट्रोक से निपटने की सभी तैयारियां पूरी करनी है. ये तैयारियां कहां तक पहुंची हैं जब ईटीवी भारत की टीम ने इसकी पड़ताल की.
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Health System in Jharkhand: हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए सरकारी अस्पतालों में तैयारी अधूरी, गाइडलाइन पर काम जारी - हीट स्ट्रोक
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन झारखंड (NHM) ने राज्य में लू और हीट स्ट्रोक से निपटने की तैयारियों को लेकर एक मार्गदर्शिका जारी की है. इसके अनुसार अस्तालों में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. हालांकि अभी तक वो पूरी नहीं हुई है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के द्वारा राज्य भर के सिविल सर्जनों को जारी इस दिशा निर्देश के बाद क्या राजधानी रांची में ही गाइडलाइन के अनुसार तैयारियां शुरू हुई है या पूरी कर ली गई है. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने रांची के दो अर्बन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और सदर अस्पताल की तहकीकात की तो भले ही अभी इन अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के चलते बीमार लोगों को त्वरित इलाज मिले, इसके लिए QRT यानी क्विक रिस्पांस टीम का गठन नहीं हुआ हो और अलग से डेडिकेटेड बेड नहीं बनाया गया हो, लेकिन रिसालदार बाबा अर्बन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, डोरंडा शहरी सामुदायिक केंद्र और सदर अस्पताल में पहले से उपलब्ध बेड में से ही कुछ बेड्स को हीट स्ट्रोक से बीमार हुए रोगियों को भर्ती करने के लिए रिजर्व रखने की योजना बनी है. इसके साथ ही अस्पताल में लू लगने, हीट स्ट्रोक से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में काम आने वाली दवाओं, IV फ्लूइड सेलाइन, एंटी बायोटिक्स और अन्य दवाओं की व्यवस्था की गई है.
IEC की अभी व्यवस्था नहींःराष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की झारखंड इकाई द्वारा हीट स्ट्रोक से बचाव के उपाय को लेकर लोगों में जागरुकता के लिए IEC की जिम्मेवारी भी सभी जिले के सिविल सर्जन को दी गयी थी पर अभी तक इसकी शुरुआत नहीं हुई है. कुल मिलाकर कहें तो आने वाले दिनों में तेज गर्मी और अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के ऊपर जाने की संभावना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार हीट स्ट्रोक और लू से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज की व्यवस्था तो जिले में शुरू कर दी गयी है पर वह अभी मार्गदर्शिका के अनुसार पूरी नहीं हुई हैं.