रांची: झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था की बात करें तो वो दिन प्रतिदिन चरमराती जा रही है. एक तरफ पहले से ही राज्य भर के डॉक्टर अपनी सुरक्षा को लेकर सरकार से गुहार लगा रहे थे कि इसी बीच सरकार की तरफ से जारी किए गए एक आदेश ने इनकी फिर से परेशानी बढ़ा दी है. वो परेशानी है बायोमेट्रिक अटेंडेंस.
दरअसल राज्य सरकार की तरफ से सरकारी डॉक्टरों के लिए यह आदेश जारी किया गया है कि उन्हें अपनी उपस्थिति बायोमेट्रिक सिस्टम के द्वारा ही बनानी होगी. यदि उनकी उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन में दर्ज नहीं होगी तो उस दिन का वेतन संबंधित डॉक्टरों का काट लिया जाएगा. अब ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे डॉक्टरों के लिए यह मुसीबत हो गई है कि आखिर वह बायोमेट्रिक पर अपना अटेंडेंस कैसे बनाएंगे, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों के ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में बायोमेट्रिक मशीन नहीं लगी हुई है. वहीं जो डॉक्टर फील्ड में काम कर रहे हैं उनके लिए भी बायोमेट्रिक मशीन में उपस्थिति दर्ज कराना मुश्किल हो रहा है.
झासा के अध्यक्ष डॉ पी.पी साह बताते हैं कि जिस प्रकार से पुलिस को आपातकालीन सेवा में रखा गया है, उसी प्रकार डॉक्टरों को आपातकालीन सेवा में रखा जाए. जब पुलिस विभाग के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम को अनिवार्य नहीं किया गया है तो फिर स्वास्थ्य विभाग के लोगों के लिए यह व्यवस्था क्यों लागू की गई है. झारखंड हेल्थ सर्विस एसोसिएशन के सचिव डॉ मृत्युंजय कुमार सिंह बताते हैं कि बायोमेट्रिक सिस्टम से यदि डॉक्टरों की हाजिरी बनाई भी जा रही है तो इसे वेतन से ना जोड़ा जाए, क्योंकि कई बार इंटरनेट नहीं रहने के कारण या फिर सर्वर डाउन होने की वजह से लोग बायोमेट्रिक मशीन पर अटेंडेंस नहीं बना पाते हैं. ऐसे में उनका वेतन नहीं बनता है और जब आखिरी महीना आता है तो अपने वेतन से कटे पैसे पाने के लिए चिकित्सकों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है.
रांची सदर अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बिमलेश बताते हैं कि बायोमेट्रिक मशीन के माध्यम से अटेंडेंस बनाने में डॉक्टरों का कोई विरोध नहीं है. लेकिन जिस प्रकार से डॉक्टरों के वेतन को मशीन से लिंक कर दिया गया है, ऐसे में कई बार डॉक्टर इमरजेंसी के दौरान अटेंडेंस नहीं बना पाते हैं और यदि उसी दौरान व्यस्तता बढ़ जाती है तो कई बार अटेंडेंस बनाना डॉक्टर भूल जाते हैं. ऐसे में डॉक्टरों का वेतन काट लिया जा रहा है. राज्य सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और उन्होंने जो आदेश जारी किया है उसे वापस लेना चाहिए.