रांची: प्रभु यीशु के बलिदान दिवस के रूप में पूरे देश भर में क्रिश्चियन समुदाय के लोग गुड फ्राइडे मनाते हैं. ईसाई धर्म में गुड फ्राइडे का दिन सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक माना जाता है. इस दिन ईसाई धर्म के लोग ईसा मसीह को याद करते हैं. इस दिन को गुड फ्राइडे या फिर ब्लैक फ्राइडे भी कहा जाता है.
गुड फ्राइडे पर जानकारी देते आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो ये भी पढ़ें-'गुड फ्राइडे' पर झारखंड के माननीयों ने प्रभु ईशु को किया याद, कहा- उनके आदर्शों पर चलने का लें संकल्प
प्रभु ईसा मसीह का संदेश
गुड फ्राइडे क्रिश्चियन समुदाय के लोग प्रभु ईसा मसीह के बलिदान की याद में मनाते हैं. झारखंड में गुड फ्राइडे मनाया जाता है तो फिर ईसाई धर्मावलंबियों की संख्या भी झारखंड में काफी अधिक है, जिसको लेकर आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो ईसाई धर्मावलंबियों को प्रभु ईसा मसीह का संदेश दिया है और इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने आर्चबिशप टोप्पो से खास बातचीत की है.
यीशु ने दी थी प्राणों की आहुतिईसाई धर्मावलंबियों को आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो ने प्रभु ईसा मसीह का संदेश दिया है और कहा कि प्रभु यीशु के हृदय में मानव जाति के लिए अपार प्रेम और स्नेह था. उन्होंने मनुष्य के पापों के प्रायश्चित को लेकर अपने प्राणों की आहुति दे दी और सूली पर चढ़ गए. उन्हें अपनी मृत्यु के 1 दिन पहले निश्चित रूप से उनका मन व्याकुल और दिल भरा हुआ था. उन्हें यह भी पता था कि उन्हें शारीरिक कष्ट होने वाला है.
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ईसा मसीह के बलिदान को किया जाता है याद
इस बार 2 अप्रैल को गुड फ्राइडे मनाया जा रहा है. इस दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था. तब से ईसाई धर्म के लोग ईसा मसीह के बलिदान को याद कर चर्च में प्रार्थना करते हैं और उनकी याद में उपवास भी करते हैं. उपवास करने के बाद मीठी रोटी बनाकर खाते हैं.
इस दिन लोग एक दूसरे को गुड फ्राइडे पर प्यार भरे संदेश भेजते हैं. गुड फ्राइडे के दिन ईसा मसीह को दोपहर 3:00 बजे के बाद सूली पर चढ़ाया गया था. यही कारण है कि इस दिन लोग दोपहर को चर्च में इकट्ठा होते हैं और प्रार्थना करते हैं.