रांची:जेपीएससी में लेक्चरर नियुक्ति घोटाले में सीबीआई की कार्रवाई लगातार जारी है. मंगलवार को सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा ने झारखंड में गोड्डा कॉलेज के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर गणेश कुमार राम को गिरफ्तार किया है.
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गिरफ्तार कर लाया गया रांची
लेक्चरर घोटाले मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम मंगलवार की दोपहर गोड्डा कॉलेज पहुंची थी. कॉलेज से ही गणेश राम को गिरफ्तार करने के बाद बाद सीबीआई टीम उन्हें लेकर रांची के लिए रवाना हो गई. गणेश राम के खिलाफ सीबीआई पूरे मामले में पूर्व में चार्जशीट दायर कर चुकी है. व्याख्याता नियुक्ति घोटाले में इससे पहले मार्च महीने में रांची वीमेंस कॉलेज की प्रोफेसर ममता केरकेट्टा को सीबीआई की टीम ने रांची वीमेंस कॉलेज के आर्ट्स ब्लॉक से गिरफ्तार किया था.
सभी आरोपियों के खिलाफ हुआ था सम्मन
चार्जशीट दायर करने के बाद अक्टूबर 2019 में सीबीआई कोर्ट ने मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया था. सीबीआई कोर्ट द्वारा बार-बार समन और नोटिस किए जाने के बाद भी गणेश कुमार राम कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहे थे, ऐसे में कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया था.
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क्या है मामला
साल 2008 में जेपीएससी ने 13 विषयों में लेक्चरर की बहाली के लिए विज्ञापन निकाला था. कुल 715 पदों के लिए निकाले गए विज्ञापन में बहाली के दौरान भारी पैमाने पर अनियमितता बरती गई थी. मेरिट लिस्ट में छेड़छाड़ करते हुए कई अयोग्य अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण करा दिया गया. मेरिट लिस्ट जेपीएससी की तत्कालीन सचिव सह परीक्षा नियंत्रक एलिस ऊषा रानी के पास थी. 29 मार्च 2007 को दिलीप प्रसाद ने एलिस ऊषा रानी को मेरिट लिस्ट का चार्ट एजेंसी को देने का निर्देश दिया था. निर्देश मिलने के बाद रानी ने मेरिट लिस्ट का चार्ट ग्लोबल इंफार्मेटिक्स नामक एजेंसी को दे दिया था. इसके बाद लिस्ट दोबारा अपने हिसाब से तैयार कर अभ्यर्थियों की रैंकिंग सुधारी गई, जबकि नियम के मुताबिक मेरिट लिस्ट प्राइवेट एजेंसी को नहीं दे सकते हैं. चार्जशीट में सीबीआई ने बताया था कि मेरिट लिस्ट में अंकों की हेराफेरी में एलिस ऊषा रानी और ग्लोबल इंफॉर्मेटिक्स के कर्मचारी धीरज कुमार की भूमिका थी. मिले निर्देश के अनुसार ही धीरज कुमार ने लिस्ट में छेड़छाड़ की थी.