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नौकरी के चलते झारखंड की बेटियां राज्य छोड़ने को विवश, सरकार उठाए सकारात्मक कदम - झारखंड की बड़ी खबरें

राज्य सरकार ने इस वर्ष को भले ही रोजगार वर्ष घोषित किया हो, लेकिन यहां की सच्चाई कुछ और ही है. यहां की लड़कियों को आज भी 8 से 10 हजार की नौकरी के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है.

girls of Jharkhand forced to leave state to get jobs
नौकरी की मजबूरी से झारखंड की बेटियां राज्य छोड़ने को विवश

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Published : Mar 12, 2021, 5:57 PM IST

Updated : Mar 12, 2021, 8:55 PM IST

रांची: राज्य सरकार ने इस वर्ष को भले ही रोजगार वर्ष घोषित किया हो, लेकिन सच्चाई यह है कि 8 से 10 हजार की नौकरी के लिए यहां की लड़कियों को तमिलनाडु के कोयंबटूर जाना पड़ता हैं. महंगाई के इस दौर में घर से दूर होकर इतनी कम सैलरी में काम करना इनकी मजबूरी नहीं तो और क्या है. इन सबके बीच झारखंड सरकार की ओर से हाल ही में तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित केपीआर कंपनी से समझौता करार होने के बाद इन दिनों भर्ती अभियान जारी है.

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केपीआर कंपनी का भर्ती अभियान जारी

कोयंबटूर काम करने गई बच्चियों की शिकायत के बाद यह कंपनी विवादों में आ गई थी. इन सबके बीच झारखंड सरकार से एमओयू करने के बाद राज्य की 12 हजार लड़कियों को तमिलनाडु के कोयंबटूर में कपड़ा मिल में काम दिलाने के लिए केपीआर कंपनी का भर्ती अभियान जारी है. कंपनी के स्टेट हेड मुकेश कुमार की मानें तो घाटशिला की बच्चियों का प्रकरण निराधार है.

काम करने गई लड़कियों से डीसी ने बात की है और ट्वीट कर इसे बेबुनियाद बताया है. काम नहीं करने की इच्छुक 5 बच्चियां घर वापस आ चुकी हैं. कंपनी के नियमों के अनुसार, बच्चियों को छुट्टी साल में एक बार अधिकतम 16 दिन दी जाती है. इससे पहले अभिभावक के कंसेंट पर ही अवकाश मिलेगा.

नियोजनालय परिसर में भर्ती कैंप आयोजित

इधर, राज्य सरकार के साथ समझौता होने के बाद इन दिनों सभी नियोजनालय में भर्ती कैंप लगाई जा रहा है. इसी के तहत शुक्रवार को रांची नियोजनालय परिसर में भर्ती कैंप आयोजित हुआ. नौकरी पाने की आस में बड़ी संख्या में लड़कियां नियोजनालय दफ्तर पहुंची.

हेल्पर, ऑपरेटर जैसे पद के लिए कंपनी ने इसकी योग्यता न्यूनतम आठवीं पास रखी है और आगे की पढ़ाई के साथ सारी सुविधा देने का दावा किया जा रहा है. श्रम विभाग के अधिकारियों के सहयोग से नौकरी लेने पहुंची राजधानी के प्रतिष्ठित संत जेवियर कॉलेज की इलेक्ट्रॉनिक में डिप्लोमा करने वाली निशी की मजबूरी है कि उन्हें कहीं नौकरी ही नहीं मिल रही है. ऐसे में कम पैसा ही सही वो अपना कैरियर घर से दूर निकलने को तैयार हैं.

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मॉनिटरिंग सेल बनाने की जरुरत

झारखंड से बड़ी संख्या में युवक-युवतियां रोजगार की तलाश में राज्य से बाहर हर वर्ष जाती हैं, जहां उनका मानसिक और शारीरिक शोषण होने की घटना होती रहती है. ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि तमिलनाडु जैसे राज्यों में अकेले नौकरी करने जा रहीं लड़कियों के लिए सरकार की ओर से मॉनिटरिंग सेल बनाने की जरूरत है, ताकि किसी तरह की परेशानी होने पर निगरानी के साथ-साथ सरकारी मशीनरी कंपनियों पर भी कार्रवाई की जा सके.

Last Updated : Mar 12, 2021, 8:55 PM IST

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