रांची:शहर में दुर्गोत्सव बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है, 9 दिनों तक चलने वाला आस्था का महापर्व दुर्गा पूजा कलश स्थापना के साथ ही शुरू हो जाती है. इसके लिए सभी पूजा समितियां भव्य पंडाल का निर्माण कराती है.
रांची के विभिंन पूजा पंडालों में अलग-अलग थीम के साथ पंडाल का निर्माण कराया जाता है. इस बार रांची के मोरहाबादी स्थित गीतांजलि क्लब दुर्गा पूजा समिति ने पूजा पंडाल में अंडमान निकोबार के जारवा जनजाति के रहन सहन और उसके उत्साह को दर्शाया गया है.
पंडाल और पूजा समिति के लोगों ने बताया कि झारखंड आदिवासी बहुल क्षेत्र है और ऐसे में अंडमान-निकोबार के जारवा जनजाति का रहन-सहन से झारखंड के लोगों को रूबरू कराने के उद्देश्य से इस पूजा पंडाल का निर्माण कराया गया है. हर साल गीतांजलि पूजा पंडाल अलग थीम के साथ अपनी भव्यता के लिए जानी जाती है.
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इस बार लगभग 18 से 20 लाख की लागत से इस पूजा पंडाल का निर्माण कराया गया है. पंडाल के निर्माण के लिए पिछले 3 महीने से तैयारी की जा रही है. बंगाल के 30 एक्सपर्ट कारीगर भव्य पंडाल का निर्माण कर रहें हैं. साथ ही पर्यावरण के दृष्टिकोण से इको फ्रेंडली पंडाल बनाया गया हैं, जो श्रद्धालुओं को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने का काम करेगी.