रांची:दिल की कई ऐसी बीमारी होती है जिसमें सर्जरी जरूरी होती है, लेकिन पैसे के आभाव में गरीब अक्सर इन सर्जरी के लिए असमर्थ होते हैं. ऐसे में गरीब मरीजों के लिए रिम्स का कार्डियो थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग (Cardio Thoracic and Vascular Surgery Department RIMS) आशा की किरण के रूप में आगे आया है. दरअसल, आयुष्मान भारत योजना के तहत रिम्स में मुफ्त हार्ट सर्जरी (Free Heart Surgery in Ranchi Rims) की जी रही है.
इसे भी पढ़ें: रिम्स में काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे टीएमए के सदस्य, आरक्षण रोस्टर के बिना नियुक्तियां प्रकाशित करने का कर रहे हैं विरोध
अस्पताल के कार्डियक सर्जरी विभाग में अब हर दिन वाल्व सर्जरी की जा रही है. सोमवार को तो एक ही ओटी में डॉक्टरों ने लगातार 5 घंटे में दो मरीजों की वाल्व सर्जरी की. वहीं बुधवार को भी वाल्व सर्जरी कर एक महिला को नई जिंदगी दी गई. इसके अलावा आज भी एक मरीज की वाल्व सर्जरी की तैयारी है.
सोमवार को दो मरीजों की हार्ट सर्जरी: रिम्स के कार्डियक थोरेसिक सर्जन डॉ. राकेश चौधरी ने बताया कि 40 वर्षीय प्रमोद साव सीएमसी वेल्लोर (CMC Vellore) से वापस आया हुआ रोगी था. प्रमोद साव को दिल के वाल्व की बीमारी थी. जिसके इलाज के लिए वो वेल्लोर गए लेकिन वहां इलाज का खर्च 4 लाख रुपये बताया गया. जिसके बाद पैसे के अभाव में वह वहां इलाज नहीं करा पाएं. लेकिन आयुष्मान भारत योजना के तहत रिम्स में मुफ्त हार्ट सर्जरी कर उसे दुरुस्त कर दिया गया. यह ऑपरेशन दो घंटे में पूरा किया गया. वहीं, दूसरी मरीज रांची की बकरीदन खातून है, उसकी भी हार्ट सर्जरी की गई. जिसमें उसके खराब माइट्रल वाल्व को बदलकर उसे नई जिंदगी दी गई. बकरीदन को हाई रिस्क मॉर्बिड ओबेसिटी और उच्च रक्तचाप की शिकायत थी. उसने भी अपना इलाज रिम्स में आयुष्मान भारत के तहत मुफ्त में कराया.
बुधवार को एक मरीज को मिली नई जिंदगी: बुधवार को भी एक महिला प्रमिला की वाल्व सर्जरी की गयी. प्रमिला भी दिल के वाल्व की बीमारी से पीड़ित थी. उसकी धड़कन काफी तेज रहती थी और फेफड़ों का प्रेशर काफी बढ़ा हुआ था. दिल के अंदर बाईं ओर बड़ा सा खून का थक्का जम गया था जो कभी भी शरीर के किसी भी हिस्से में जाकर उसे अपंग बना सकता था. कई सालों से बीमारी की जानकारी होने के बाद भी पैसे के अभाव में वह ऑपरेशन नहीं करा पा रही थी. हमने रिम्स में आयुष्मान योजना के तहत उसका सफल ऑपरेशन कर दिल के खराब माइट्रल वाल्व को बदलकर कृत्रिम वाल्व लगाया गया. वहीं दिल के अंदर जमे खून के थक्के को निकाल कर दिल को भी स्वस्थ्य कर दिया गया.
आज भी एक वाल्व सर्जरी की तैयारी:रिम्स में फरवरी महीने में अब 10 से अधिक लोगों की वाल्व सर्जरी हो चुकी है. आज भी दशरथ यादव नाम के मरीज की सर्जरी की तैयारी है.