रांची: कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ सोमवार को कांग्रेस कोटे के चार मंत्रियों ने वर्तमान हालात से निपटने और जरूरतमंद परिवारों समेत बाहर फंसे लोगों तक तुरंत राहत पहुंचाने को लेकर विस्तृत रणनीति पर चर्चा की गई. इस दौरान समस्याओं के समाधान को लेकर ठोस रणनीति बनाने पर सहमति बनी .
क्या है मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का कहना
इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि राज्य सरकार दूसरे प्रदेशों में फंसे छात्र-छात्राओं को लेकर वापस लाने में सक्षम है लेकिन इसमें केंद्र का सहयोग जरूरी है. उन्होंने कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के सुझाव को सकारात्मक बताते हुए कहा कि राज्य सरकार मदरसा शिक्षकों के बकाया भुगतान, मनरेगा योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने,अर्थव्यवस्था को पटरी पर वापस लाने और किसानों की समस्याओं के समाधान को लेकर गंभीर है.
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लगातार किया जा रहा भेदभाव
खाद्य आपूर्ति और वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार केंद्र सरकार के निर्णयों के साथ है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अगर अनुमति दें और आवश्यक गाइडलाइन जारी करें. तो झारखंड सरकार दूसरे राज्यों में फंसे छात्र-छात्राओं, प्रवासी श्रमिकों और इलाज कराने गये लोगों को वापस ला सकती है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा झारखंड के साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा है.
मनरेगा को और अधिक लचीलापन बनाने पर भी चर्चा हुई
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने बताया कि मनरेगा को और अधिक लचीलापन बनाने पर भी चर्चा हुई है. उन्होंने बताया कि मनरेगा योजनाओं में कार्यरत मजदूरों को उसी दिन शाम को मजदूरी भुगतान का निर्देश दिया गया है. साथ ही मदरसा शिक्षकों के लंबित भुगतान पर भी चर्चा हुई है.
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सभी उपायुक्तों को जारी किया गया दिशा-निर्देश
कृषि मंत्री बादल ने बताया कि फसल की कटाई लॉकडाउन शुरू होने के पहले से ही हो चुकी थी लेकिन अब भी कई काम बाकी है इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से भी कई छूट दी गयी है. इस संबंध में विभाग की ओर से सभी उपायुक्तों को भी दिशा-निर्देश जारी किया गया है. साथ ही दूध पाउडर बनाने और सब्जी को बाजार तक उपलब्ध कराने और किसानों को उचित मूल्य दिलाने पर भी चर्चा हुई है.
केंद्र सरकार से अधिक से अधिक मदद की अपील
वंही स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि आपदा प्रबंधन प्राधिकर के गठन और एनआरएचएम जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री करते है.उसकी बैठक बुलाने और क्रय की गुणवत्ता बनाये रखने पर बल दिया गया है. उन्होंने स्वास्थ्य उपकरण, लैब तकनीशियनों की कमी पर भी चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से अधिक से अधिक मदद कराने की अपील की है. उन्होंने बताया कि कोविड-19 से निपटने के लिए जैप-1 की एक कंपनी मिलनी थी लेकिन यह भी अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाया है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे और लाल किशोरनाथ शाहदेव ने बताया कि कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह की ओर से रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पार्टी के सांसदों और विधायकों के साथ बैठक कर कई सुझाव दिये गये थे.जिस पर व्यापक रूप से चर्चा हुई है और समस्याओं के समाधान को लेकर ठोस रणनीति बनाने पर सहमति बनी है.