राजभवन में अलग अलग राज्यों का मनाया गया स्थापना दिवस रांची: झारखंड के राजभवन में आज देश के आठ राज्यों और पांच केंद्र शासित प्रदेशों का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया. पीएम नरेंद्र मोदी की सलाह
पर पिछले कुछ महीनों से देशभर के राजभवनों में प्रदेशों के स्थापना दिवस मनाने की परंपरा शुरू की गई है. झारखंड के राजभवन में आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा, केरल, पंजाब, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु के साथ पांच केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़, दिल्ली, पुंदुचेरी, लक्षद्वीप और अंडमान एवं निकोबार का स्थापना दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया.
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राज भवन के बिरसा मंडप में आयोजित राज्यों के स्थापना दिवस कार्यक्रम में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने भी शिरकत की. इस मौके पर इन प्रदेशों के गीत संगीत और आकर्षक नृत्य की प्रस्तुति की गई. राज्य स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि 'भारत एक है और एक रहेगा' उन्होंने कहा कि अलग-अलग राज्य, अलग-अलग भाषा, अलग-अलग खान पान, पहनावा के बावजूद हमसब भारतीय हैं. हम सब एक रहकर निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर हैं.
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि हम एक रहकर मानवता की भावना को और अधिक मजबूत कर सकते हैं. इसे पोषित, पल्लवित और पुष्पित कर सकते हैं.
भारतीयता का बंधन सबसे मजबूत:राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में अलग-अलग भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन सभी एक दूसरे की भाषा एवं भावना का सम्मान करते हैं. राज्यपाल ने कहा कि अलग अलग राज्यों में रहने के बावजूद हम सब एकता के साथ-साथ विश्व-बंधुत्व की भावना से भरे हैं, भारतीयता का बंधन सबसे मजबूत हैं और यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है.
एक साथ कई राज्यों के स्थापना दिवस समारोह मनाने के बाद अपने संबोधन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी के समय विश्व बंधुत्व का जो भाव दिखाया उसकी प्रशंसा विश्वभर में हुई. राज्यपाल ने कहा कि भारत ने कोरोना के समय विश्व के कई देशों को निःशुल्क कोविड टीका उपलब्ध कराया. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारी अर्थव्यवस्था नित्य-नया मुकाम हासिल कर रहा है.
धरती आबा ने भी अल्पायु में ही मानवता का धर्म निभाया था- राज्यपाल:राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा ने अल्पायु में मानवता के प्रति जो धर्म निभाया, उसे विश्व सदियों तक याद रखेगा. आज हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है कि समाज की मुख्य धारा से वंचित और पीछे छूट गए लोगों की सेवा करें. राज्यपाल ने कहा कि लोग अपनी भाषा, संस्कृति के साथ अन्य की भी भाषा, संस्कृति जानने का प्रयास करें , उनका आदर व सम्मान करें यह सबसे जरूरी है. राजभवन में आयोजित राज्यों के स्थापना दिवस कार्यक्रम में अलग अलग प्रदेशों के लोक गीत एवं लोक नृत्य की प्रस्तुति की गई. इस दौरान राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सभी के सुख-समृद्धि की कामना की और अलग अलग प्रदेशों के लोगों सम्मानित किया.