रांची: पूर्व सांसद राम टहल चौधरी ने झारखंड सरकार से पिछड़ों और अति पिछड़ों के लिए 27% आरक्षण की मांग की है. उन्होंने कहा है कि अति पिछड़ों और पिछड़ों का आरक्षण एकीकृत बिहार झारखंड के समय 27 प्रतिशत था. झारखंड अलग राज्य बनने के बाद दोनों को मिलाकर महज 18 प्रतिशत ही आरक्षण रह गया है, जबकि केन्द्र सरकार की ओर से भी 27 प्रतिशत आरक्षण पिछड़ों को दिया जा रहा है. इस तरह पिछड़ा वर्ग के लोगों के साथ घोर अन्याय हो रहा है, जबकि यहां पिछड़ों की आबादी करीब 55 प्रतिशत है.
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साथ ही पूर्व सांसद ने कहा कि अलग झारखंड राज्य के आंदोलन को गति देने में पिछड़ों की अहम भूमिका रही है. इसलिए पिछड़े समुदाय को उनका हक दिया जाना चाहिए. उन्होंने मीडिया से कहा कि प्रदेश में पिछड़ों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग वर्षों से होती रही है. चुनाव प्रचार में भी सभी पार्टी 27 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा करती रहती हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के भी घोषणा पत्र में इस वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था. इसलिए समय आ गया है कि अब इस वर्ग को इसका हक दिया जाए.