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पूर्व डीजीपी डीके पांडे की पत्नी को हाई कोर्ट से राहत, अदालत ने जमीन विवाद में पीड़क कार्रवाई पर लगाई रोक - पूर्व डीजीपी डीके पांडे

पूर्व डीजीपी डीके पांडे की पत्नी पूनम पांडे के जमीन विवाद मामले में दायर याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इसमें पूर्व डीजीपी की पत्नी को हाई कोर्ट ने राहत दी है और जमीन विवाद को पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इससे पहले प्रशासन की ओर से जमाबंदी रद्द करने के लिए दिए गए नोटिस को उन्होंने झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.

Former DGP DK Pandey's wife relieved from High Court
पूर्व डीजीपी डीके पांडे की पत्नी को हाई कोर्ट से राहत

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Published : May 27, 2021, 9:07 PM IST

रांची:पूर्व डीजीपी डीके पांडे की पत्नी पूनम पांडे के जमीन विवाद मामले में दायर याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद पूर्व डीजीपी डीके पांडे की पत्नी पूनम पांडे पर किसी भी तरह की पीड़क कार्रवाई न करने का आदेश दिया. साथ ही याचिकाकर्ता को राज्य सरकार के मुख्य सचिव, रेवेन्यू सचिव और रांची डीसी को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है. झारखंड हाई कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को भी जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद होगी.

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झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश कैलाश प्रसाद देव की अदालत में पूर्व डीजीपी डीके पांडे की पत्नी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि जिस विभाग पर आरोप लगाया गया है उन्हें याचिका में प्रतिवादी नहीं बनाया गया है, ऐसे में यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. अदालत ने प्रार्थी को राज्य सरकार के मुख्य सचिव, रेवेन्यू सचिव और रांची डीसी को मामले में प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है. साथ ही उन्हें हाई कोर्ट में अपना पक्ष रखने का भी निर्देश दिया है. अदालत ने इस बीच याचिकाकर्ता पर किसी भी प्रकार की पीड़क कार्रवाई न करने का आदेश दिया है. साथ ही प्रार्थी को भी सहयोग करने को कहा है.

चामा मौजा में जमीन का मामला

बता दें कि पूर्व डीजीपी डीके पांडे की पत्नी ने चामा मौजा में जमीन खरीदा है. उस जमीन की जमाबंदी को रद्द करने के लिए प्रशासन की ओर से उन्हें नोटिस दिया गया है. उसी नोटिस को उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रार्थी को राहत देते हुए सरकार को जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद होगी.

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