पटना:राजधानी समेत पूरे बिहार में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. चर्चित रूपेश हत्याकांड में 8 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक पुलिस एक भी अपराधी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. हालांकि बिहार के डीजीपी ने इस मामले का खुलासा करते हुए कहा कि रूपेश की हत्या पार्किंग विवाद में हुआ है. अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.
विपक्ष लगातार खड़ा कर रहा सवाल
विपक्ष द्वारा लगतार सरकार और प्रशासन पर सवाल खड़ा किया जा रहा है कि यह मामला ज्यादा तूल ना पकड़े, जिसकी वजह से इस मामले को दूसरा एंगेल देकर दबाया जा रहा है. हालांकि अब यह देखना होगा कि बिहार पुलिस इस मामले में कब तक अपराधियों को पकड़ने में कामयाब हो पाती है. राजधानी पटना में ऐसे कई हत्याकांड विगत महीनों में हुए हैं, जिनमें पुलिस महीनों बीत जाने के बाद भी ना ही हत्या का कारण पता लगा पायी है और ना ही हत्यारों को पकड़ पाई है.
प्रॉपर्टी डीलर की हत्या
23 अगस्त 2020 को बेउर थाना के पास प्रॉपर्टी डीलर के कार्यालय में बाइक सवार अपराधियों ने गोलीबारी कर चार लोगों को घायल कर दिया था. जिसमें से एक प्रोपर्टी डीलर की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी. इस मामले में एसआईटी का गठन किया गया था और 4 महीने बाद भी अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. वही पटना के अक्टूबर महीने में बेउर थाना अंतर्गत तेज प्रताप नगर में भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. भाजपा नेता राजेश कुमार झा अपने आवास से मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे, तभी अपराधियों द्वारा उन्हें गोली मारकर घटना को अंजाम दिया गया था.
छात्र की गोली मारकर हत्या
अब तक इस मामले में एक भी अपराधी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. 2 अक्टूबर महीने में अथमलगोला के रहने वाले छात्र राजा कुमार की खगोल लख पर गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में भी हत्यारों तक अब तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है. वहीं नौबतपुर थाना के सरारी गांव में सितंबर महीने में अपराधियों द्वारा दानापुर कोर्ट जा रहे वकील हरेंद्र सिंह की गोली मार कर हत्या की गई थी. इस मामले में भी अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. सितंबर माह में सिटी अंतर्गत खाजकलां थाना के पास जमीन कारोबारी शिव शंकर की गोली मार कर हत्या की गई थी. इस मामले में भी पुलिस के हाथ खाली हैं.