रांची: चिटफंड कंपनी बनाकर करोड़ों की ठगी के मामले में सीबीआई और एसीबी ने मंगलवार को एफआईआर दर्ज की है. रांची के जगन्नाथपुर और डोरंडा थाना में चिटफंड कंपनियों के ठगी के दर्ज मामलों को टेकओवर किया गया है.
पहले मामले में सीबीआई एसीबी ने डॉल्फिन ग्रुप ऑफ कंपनीज के एमडी, निदेशक समेत अन्य आरोपियों को आरोपी बनाया है. वहीं, दूसरी प्राथमिकी हिनू में स्थित प्रवीण जेनिथ मार्केटिंग एंड कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड के एमडी प्रवीण कुमार सिंह के खिलाफ दर्ज की गई है. आरोपियों के खिलाफ धारा 406, 419 और 420 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
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डॉल्फिन के खिलाफ क्या था मामला
जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के हटिया गुरूद्वारा रोड में डॉल्फिन ग्रुप ऑफ कंपनीज का दफ्तर था. सीबीआई ने कंपनी के जोनल मैनेजर महावीर महतो, मैनेजर अमित गोस्वामी, सीनियर मैनेजर सत्येंद्र सिंह, सत्येंद्र सिन्हा, विमल सिंह, रामगढ़ के जोनल हेड एसएन सहाय को आरोपी बनाया है. हटिया निवासी संदीप कुमार ने कंपनी के खिलाफ चिटफंड के जरिए 5 करोड़ की ठगी की शिकायत जगन्नाथपुर थाना में दर्ज करायी थी. कंपनी ने हटिया के नंदन इंक्लेव में अपना दफ्तर खोला था. कंपनी ने कई लोगों को एजेंट बनाकर भारी लाभ का दावा कर पैसों का निवेश कराया था. निवेशकों ने जब पैसे का दबाव बनाया तब कंपनी के लोग दफ्तर बंद कर भाग गए थे.
प्रवीण जेनिथ मार्किटिंग मामले में डोरंडा थाना में FIR दर्ज
चिटफंड के जरिए ठगी के मामले में प्रवीण जेनिथ मार्केटिंग एंड कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड के एमडी प्रवीण कुमार सिंह के खिलाफ डोरंडा थाना में एफआईआर दर्ज था. साल 2012 में प्रतिमा कच्छप ने हिनू के कौशल्या अपार्टमेंट में रहने वाले प्रवीण के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया था. प्रतिमा का आरोप था कि कंपनी ने 2009 में हिनू में अपना दफ्तर खोला था. कंपनी अपने एजेंटों के माध्यम से स्कीम के नाम पर पैसे लेती थी. कंपनी की एजेंट प्रतिमा ने आरोप लगाया था कि सिर्फ उसने 20 लाख रूपये चिटफंड कंपनी में जमा कराए. इसके अलावे 12 से अधिक एजेंटों ने भी लाखों रूपये जमा करवाए थे. सीबीआई ने डोरंडा थाना में दर्ज इस केस को भी टेकओवर किया है.