रांची:राहुल गांधी के लंदन में दिए गए बयान को लेकर पार्लियामेंट की कार्यवाही लगातार हंगामे की भेंट चढ़ रही है. इसे लेकर विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है. पूर्व सांसद और सीपीआईएम की पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कहा है कि एक तरफ नरेंद्र मोदी संसद को जनता का मंदिर कहते हैं. वहीं दूसरी तरफ उनकी पार्टी एक व्यक्ति के बयान को लेकर संसद की कार्यवाही बाधित करती है.
पहली बार सरकार ही संसद की कार्यवाही को कर रही बाधित, जनता की समस्या से बेसुध है सरकार: वृंदा करात
सीपीआईएम की वरिष्ठ नेता वृंदा करात रांची पहुंची, यहां उन्होंने संसद में जारी गतिरोध के बारे में कहा कि ये पहली बार हो रहा है जब सरकार ही सदन की कार्यवाही को बाधित कर रही है. किसी व्यक्ति के बयान को लेकर देश की जनता के सुविधा से जुड़े कार्यों की चर्चा को बाधित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सरकार को सोचने की जरूरत है, नहीं तो आने वाले समय में देश की स्थिति और भी खराब होगी.
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रांची में वृंदा करात ने कहा कि पहली बार सरकार ही सदन की कार्यवाही को बाधित कर रही है. यह कहीं से भी सही नहीं है. सरकार को कोई हक नहीं है कि जो लोग विपक्ष से जीतकर सांसद बने हैं और अपनी क्षेत्र की बातों को रखना चाह रहे हैं, उन्हें अपनी बात कहने से रोका जाए. लेकिन भारतीय जनता पार्टी के सांसद लोगों की समस्या को नजरअंदाज कर राहुल गांधी के बयान पर पार्लियामेंट की कार्यवही को बाधित कर संसद का अपमान कर रहे हैं.
वहीं, वृंदा करात ने छत्तीसगढ़ में भाजपा और आरएसएस की बैठक में जनजातीय मंच के गठन पर कहा कि यह भाजपा का ही एक टीम है, जो आदिवासी के कुछ मासूम लोगों को अपने पाले में लेकर धर्म के खिलाफ लोगों को भड़काने का काम कर रही है. इसके अलावा खालिस्तान के फिर से बढ़ रही मांग को लेकर वृंदा करात ने कहा कि पंजाब गवर्नमेंट को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए. आखिर किस प्रकार से पुलिस की टीम रहने के बावजूद भी खालिस्तान की मांग को मजबूत करने वाले लोग अपनी आवाज को ऊंचा कर रहे हैं. ब्रिटेन में खालिस्तान के झंडे को लहराने के मामले की निंदा करते हुए बृंदा करात ने कहा कि यह पूरी तरह से गलत है. पंजाब सरकार को ऐसे लोगों पर नकेल कसने की आवश्यकता है जो खालिस्तान की आवाज को ऊंचा करने में जुटे हैं.