संवाददाता हितेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट रांची:राजधानी में निगम और जिला प्रशासन की तरफ से तालाब के संरक्षण की बात की जाती है, लेकिन शुक्रवार को रांची के करम टोली स्थित जिला प्रशासन और नगर निगम के इस दावे की पूरी पोल खुल गई. दरअसल, शुक्रवार की सुबह से ही राजधानी के करम टोली तालाब में मछलियों के मरने का सिलसिला शुरू हुआ. एक के बाद एक करके कई मछलियां तालाब के अंदर मरने लगी.
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मछलियों के मरने के बाद तालाब के पानी से बदबू आने लगी है. इससे स्थानीय और आसपास के लोगों को काफी परेशानी हो रही है. इससे गंभीर बीमारियों का डर भी लोगों को सता रहा है. लोगों ने अपनी परेशानी को कम करने के लिए निगम को फोन लगाया, लेकिन निगम की तरफ से अब तक कोई पहल नहीं की गई है. वहीं तालाब की साफ सफाई भी नियमित रूप से नहीं होती है.
इसके अलावा जो स्थानीय लोग हैं, उनके द्वारा भी तालाब की साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता है. आए दिन पूजा पाठ के सामान सहित अन्य गंदे सामान तालाब में फेंक दिए जाते हैं. कई बार लोगों को मना किया जाता है कि कुछ भी गंदा सामान तालाब में ना फेंके. लेकिन लोग पूजा-पाठ और परंपराओं का हवाला देकर तालाब में ही अपने कूड़े को फेंकते हैं, जिस वजह से तालाब में गंदगी बढ़ता जा रहा है.
सड़क का भी गंदा पानी जाता है तालाब में:तालाब की देखरेख कर रहे अमित कुमार ने बताया कि बरसात के मौसम में सड़क का गंदा पानी तालाब में आ जाता है, जिस वजह से तालाब में रह रही मछलियां मरने लगती हैं. उन्होंने बताया कि बारिश का पानी जैसे ही सड़क पर आता है, वैसे ही सड़क का गंदा पानी तालाब में पहुंच जाता है, जिस वजह से भी तालाब का पानी गंदा हो जाता है. इसकी सूचना कई बार निगम को दी गई है, लेकिन निगम की तरफ से तालाब की साफ-सफाई को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
निगम और प्रशासन पर उठ रहे सवाल: फिलहाल मर रही मछलियों को लेकर स्थानीय लोग चिंतित हैं और पानी की साफ सफाई के लिए जिला प्रशासन और निगम के लोगों से संपर्क कर रहे हैं. अब ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि एक तरफ जिला प्रशासन और नगर निगम तालाब के संरक्षण की बात करती है तो वहीं दूसरी ओर रांची के मुख्य चौक पर बने तालाब की साफ सफाई पर निगम के लोगों का कोई ध्यान क्यों नहीं जा रहा है. करम टोली स्थित तालाब के गंदे पानी और मर रही मछलियां की घटना से यह स्पष्ट होता है कि निगम के द्वारा तालाब साफ करने का दावा सिर्फ कागजों पर ही है. धरातल पर स्थिति इसके साफ उलट है.