रांचीः केंद्रीय वित्त मंत्री डॉ निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की बैठक (gst council meeting) हो रही है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही इस बैठक में झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव सहित देश के विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्री और प्रतिनिधि ऑनलाइन शामिल हुए हैं. नेपाल हाउस स्थित एनआईसी केंद्र से वीडियो कंफ्रेसिंग के जरिए जुड़े वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि इसमें सभी राज्यों की ओर से बारी-बारी पक्ष रखा जाएगा.
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राज्यों की वित्तीय स्थिति काफी चिंताजनक
झारखंड की ओर से डॉ रामेश्वर उरांव ने केंद्र सरकार के समक्ष जीएसटी (gst) मद के बकाये 1516 करोड़ का भुगतान करने और जीएसटी क्षतिपूर्ति पांच वर्ष और बढ़ाने की मांग रखी है. उन्होंने कहा कि उनकी मांगों पर अन्य राज्य भी सहमत हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण लगातार दो वित्तीय वर्ष से रेवेन्यू कलेक्शन की बहुत ही खराब स्थिति है जिसके कारण राज्यों की वित्तीय स्थिति काफी चिंताजनक है. ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार कंम्पनसेशन को पांच वर्षों यानी जून 2027 तक के लिए बढ़ाए. गौरतलब है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि जून 2022 में समाप्त हो रही है. फिलहाल जीएसटी परिषद की बैठक (gst council meeting) जारी है, जो देर शाम तक चलने की संभावना है.
एफआरबीएम एक्ट के तहत छूट
झारखंड सरकार के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल की विपरीत परिस्थितियों के मद्देनजर केंद्र सरकार की ओर से एफआरबीएम एक्ट (Fiscal Responsibility and Budget Management Act) के तहत राजकोषीय घाटे को शर्त्तों के साथ पांच प्रतिशत के अंदर रखने की जो छूट दी गई है, उसे निष्प्रभावी कर दिया जाए. वर्चुअल बैठक में झारखंड सरकार की ओर से बात रखते हुए डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि संक्रमण काल में केंद्र सरकार की ओर से एफआरबीएम एक्ट के तहत छूट जरूर प्रदान की गई है, लेकिन इस दौरान शर्तों के साथ छूट उचित नहीं है. उन्होंने कोरोना संक्रमण काल में ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर, पल्स ऑक्सीमीटर समेत अन्य स्वास्थ्य उपकरणों पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर शून्य प्रतिशत करने का आग्रह किया है.
केंद्र सरकार की ओर से झारखंड को क्षतिपूर्ति की राशि
डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि गैर भाजपा शासित राज्यों की ओर से जीएसटी काउंसिल की बैठक में यह बात रखी गई कि अभी स्थिति खराब है, इसलिए इन स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद में छूट दी जानी चाहिए. बाद में स्थिति ठीक होने पर इस मसले पर निर्णय लिया जा सकता है. बैठक में वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने यह भी कहा कि पिछली बार केंद्र सरकार की ओर से झारखंड को क्षतिपूर्ति की राशि कर्ज के रूप में उपलब्ध कराई गई थी, लेकिन इस बार केंद्र सरकार से आग्रह है कि यह राशि कर्ज में ना दें, बल्कि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराए.