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फादर स्टेन स्वामी का मुंबई में निधन, जानिए झारखंड से क्या था नाता - Activist Father Stan Swamy

Father Stan Swamy passes away
फादर स्टेन स्वामी (फाइल फोटो)
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Published : Jul 5, 2021, 3:13 PM IST

Updated : Jul 5, 2021, 6:31 PM IST

15:12 July 05

रांची: एक्टिविस्ट फादर स्टेन स्वामी का मुंबई में निधन हो गया है. मुंबई के भदरा अस्पताल में उनका निधन हुआ है. पिछले कुछ दिनों से वे बीमार थे. वे कई बीमारियों से पीड़ित थे. पिछले साल वे कोरोना से भी संक्रमित हो गए थे.

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एएनआई का ट्वीट

अक्टूबर में हुई थी गिरफ्तारी

पिछले साल अक्टूबर में एनआईए ने भीमा कोरेगांव केस में फादर स्टेन स्वामी को गिरफ्तार किया था. एनआईए की टीम एसपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में  फादर स्टेन स्वामी के बगइचा स्थित आवास पहुंची थी. जिसके बाद उन्हें वहां से गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में उन्हें एनआईए की टीम मुंबई लेकर चली गई. मार्च के अंतिम हफ्ते में मुंबई की एक विशेष अदालत ने एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार ट्राइबल राइट एक्टिविस्ट स्टेन स्वामी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.  

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किस मामले में हुई थी गिरफ्तारी

कोरेगांव-भीमा गांव में 1 जनवरी 2018 को दलित समुदाय के लोगों का एक कार्यक्रम आयोजित हुआ था. कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने इस कार्यक्रम का विरोध किया था. एल्गार परिषद के सम्मेलन के दौरान इस इलाके में हिंसा भड़की थी. भीड़ ने वाहनों में आग लगा दी और कई दुकानों, मकानों में तोड़फोड़ की थी. हिंसा में एक शख्स की जान चली गई और कई लोग जख्मी हो गए थे. इस हिंसा में माओवादी कनेक्शन भी सामने आया था. महाराष्ट्र पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया था. इसमें स्टेन स्वामी भी शामिल थे.

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कौन थे स्टेन स्वामी स्टेन

स्वामी स्टेन झारखंड के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता थे. स्टेन स्वामी को सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते हैं. झारखंड में चल रहे जल, जंगल, जमीन, विस्थापन जैसे आंदोलन को उन्होंने बौद्धिक समर्थन दिया. फादर स्टेन स्वामी 60 के दशक में तमिलनाडु के त्रिचि से झारखंड पादरी बनने आए थे. थियोलॉजी (धार्मिक शिक्षा) पूरी करने के बाद वह पुरोहित बने, लेकिन ईश्वर की सेवा करने की बजाय उन्होंने आदिवासियों और वंचितों के साथ रहना चुना. वे कई वर्षों से राज्य के आदिवासी और अन्य वंचित समूहों के लिए काम करते रहे. उन्होंने विशेष रूप से विस्थापन, संसाधनों की कंपनियों के ओर से लूट, विचाराधीन कैदियों के साथ-साथ कानून पर काम किया. इससे पहले पिछले जुलाई 2018 में झारखंड की खूंटी पुलिस ने पत्थलगड़ी आंदोलन मामले में सामाजिक कार्यकर्ता और विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन के संस्थापक सदस्य फादर स्टेन स्वामी, कांग्रेस के पूर्व विधायक थियोडोर किड़ो समेत 20 अन्य लोगों पर राजद्रोह का केस दर्ज किया था. 

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हेमंत ने किया था गिरफ्तारी का विरोध

फादर स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी का देश के कई हिस्सों समेत पूरे झारखंड में विरोध होने लगा. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इनकी गिरफ्तारी पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. सीएम ने जांच एजेंसियों की जांच पर सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि जब भी भाजपा पर राजनीतिक खतरा मंडराता है तो आदिवासी दलित पिछड़ा इनका सदैव कोप भाजन बनता रहा है. इस तरह के कार्यों में भारतीय जनता पार्टी का हिडन एजेंडा रहता है जो आने वाले समय में दिख जाएगा.  

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रिहाई के लिए आंदोलन

झारखंड के रांची, खूंटी, पलामू समते कई जिलों में स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी के विरोध में विभिन्न सामाजिक संगठनों प्रदर्शन किया. स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी को लेकर विभिन्न संगठनों में आक्रोश भी देखने को मिला था. संगठनों का कहना था कि स्टेन स्वामी गरीबों-आदिवासियों के अधिकार के लिए लगातार काम कर रहे थे. इस कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया.

Last Updated : Jul 5, 2021, 6:31 PM IST

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