रांची: धान की फसल को तैयार होने में सबसे ज्यादा यूरिया खाद की आवश्यकता होती है. इस वक्त धान की निकाई करने के बाद किसान अपने खेतों में यूरिया खाद डालते हैं, लेकिन लगातार हो रही यूरिया की कालाबाजारी के कारण किसान परेशान नजर आ रहे हैं. रांची के कांके विधानसभा क्षेत्र के पिठोरिया गांव के किसान यूरिया की कालाबाजारी की मार झेल रहे हैं. दुकानदार किसानों से यूरिया का मनमाना दाम वसूला जा रहा है.
दुकानदार वसूल रहे यूरिया की मनमानी कीमत
यूरिया का रेट 266.50 रुपये है, लेकिन दुकानदार उनसे 400 से लेकर 500 रुपए तक की कीमत वसूल रहे हैं. किसानों की ओर से ज्यादा पैसे लिए जाने का विरोध करने पर दुकानदार यूरिया देने से मना कर रहे हैं. मजबूरी में किसानों को 400 से लेकर 500 रुपए प्रति बोरी कीमत देना पड़ रहा है. पिठोरिया क्षेत्र का इलाका कृषि बहुल क्षेत्र माना जाता है. यहां धान की खेती के साथ-साथ हरी सब्जियों का भी भरपूर मात्रा में उत्पादन किया जाता है. ऐसे में किसानों को इस इलाके में सबसे ज्यादा यूरिया की आवश्यकता पड़ती है. कई दुकानदारों को थोक विक्रेताओं ने यूरिया उपलब्ध नहीं कराया है और जिन दुकानदारों को यूरिया उपलब्ध कराया गया है, वो किसानों से मनमाना पैसा वसूला रहे हैं.