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रांची: ग्रामीण क्षेत्र के किसान पहुंचने लगे खाद-बीज की दुकान, जानिए दुकानदारों की परेशानियां

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Published : May 20, 2020, 3:29 PM IST

झारखंड में लॉकडाउन का चौथा चरण शुरू हो गया है. इस चरण में कई क्षेत्रों में सरकार ने छूट दी है. जिसके बाद ग्रामीण किसान भी कृषि कार्य के लिए उपकरण और खाद, बीज खरीदने बाजार पहुंच रहे हैं.

farmers of rural areas started purchasing fertilizer and seeds in ranchi
दुकानों में पहुंचने लगे किसान

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन से कृषि क्षेत्र में असर पड़ा है, हालांकि लॉकडाउन 2 के दौरान कृषि के क्षेत्र में कृषि कार्यों के लिए विशेष छूट दी गई थी, लेकिन लॉकडाउन 4 में सरकार ने कई क्षेत्रों में छूट दी है. जिसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग कृषि संबंधित उपकरण और खाद बीज खरीदने दुकान पहुंच रहे हैं.

जानकारी देते संवाददाता
लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा कृषि के क्षेत्र में प्रभाव पड़ा है, क्योंकि किसानों के जरिये उत्पादित फसल को बाजार नहीं मिलने के कारण उनकी फसल को उचित मूल्य नहीं मिल पाया. जिसके कारण किसानों की आमदनी पर मार पड़ी है. कृषि सामग्री या उपकरण को भी खरीदने के लिए किसान बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे थे, क्योंकि गाड़ियों का परिचालन पूरी तरह से बंद था. लॉकडाउन फोर में लोगों का आवागमन धीरे-धीरे बढ़ा है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के किसान भी कृषि उपकरण या बीज, खाद आदि खरीदने के लिए दुकानों में पहुंच रहे हैंइसे भी पढ़ें:-रांची: SDO ने दी लॉकडाउन-4 की जानकारी, लोगों से की अनावश्यक बाहर न निकलने की अपील


खाद बीज दुकानदारों की माने तो किसान अभी भी उनकी दुकानों तक पहुंच पाने में असमर्थ हैं. जिसके कारण दुकानदारी में भी काफी प्रभाव पड़ा है. वहीं उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्टिंग सही से नहीं होने के कारण हम लोगों को खाद बीज सही तरीके से नहीं मिल पा रहा है, केवल लाइटवेट से संबंधित बीज या कीटनाशक मिल पा रहे हैं. अभी सुचारू रूप से व्यवस्था नहीं शुरू हुई है. इसके कारण हम लोगों को थोड़ी कठिनाइयां जरूर हो रही हैं.


हालांकि लॉकडाउन और बेमौसम बारिश के कारण कृषि के क्षेत्र में काफी प्रभाव पड़ा है. किसानों का फसल बाजारों में उचित मूल्य ही बिकने के कारण किसान काफी मायूस हैं और इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने कृषि के क्षेत्र में कई घोषणाएं की हैं, ताकि किसानों के उत्पादित फसलों को उचित बाजार मिल सके.

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