रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश बीबी मंगलमूर्ति रविवार 31 मई को सेवानिवृत्त होंगे. रविवार होने के कारण उन्हें 30 मई शनिवार को ही विदाई दी गई है. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उन्हें विदाई दी गई.
ज्यूडिशियल सर्विस सेवा के माध्यम से प्रोन्नत होकर जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश बने. उन्होंने 20 मई 2017 को हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शपथ लिया और 26 अप्रैल 2019 को वह स्थायी जज के रूप में नियुक्त किए गए. हाई कोर्ट में उनका कार्यकाल बहुत बेहतरीन रहा. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई तरह के फैसले दिए हैं, जो कि ऐतिहासिक फैसले के रूप में जाना जाएगा. उनके कार्यकाल से हाई कोर्ट के अधिवक्ता भी उनके आदेश का प्रशंसा करते रहे हैं.
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बीबी मंगलमूर्ति ने लॉ की डिग्री पूरी होने के बाद वर्ष 1983 में एडवोकेट के रूप में दाखिला लिया और पटना उच्च न्यायालय की रांची बेंच में प्रैक्टिस शुरू की. वर्ष 1997 में बिहार सुपीरियर ज्यूडिशियल सर्विस में प्रवेश किया और डालटनगंज में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पलामू के रूप में तैनात थे, फिर पटना में वर्ष 2000 में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सतर्कता न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए. झारखंड राज्य के निर्माण पर, झारखंड सुपीरियर न्यायिक सेवा का कैडर आवंटित किया गया था. उन्होंने विशेष न्यायाधीश, सीबीआई क्रमशः दुमका और धनबाद में पशुपालन और कोयला घोटाले के मामलों का निपटारा किया था. प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, पूर्वी सिंहभूम, जमशेदपुर के रूप में पारिवारिक विवाद के मामलों का निपटारा किया.
झारखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार सतर्कता के रूप में सेवा दी. बोकारो, गोड्डा, हजारीबाग और जमशेदपुर में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर तैनात रहे. झारखंड सरकार में प्रतिनियुक्ति पर, प्रमुख सचिव कानून सह कानूनी स्मरण पत्र का पद संभाला. बता देंं कि झारखंड हाई कोर्ट में जजों की 25 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 18 जज कार्यरत हैं. इनके सेवानिवृत्ति होने से अब 17 जज हाई कोर्ट में रहेंगे.