रांचीः झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अनिल शर्मा अपने पिता के अंतिम संस्कार करने दुमका जेल से रांची पहुंचा. अनिल शर्मा को भारी सुरक्षा के बीच दुमका से रांची लाया गया. जहां उसने बड़े बेटे होने के नाते अपने पिता को मुखाग्नि दी. कुख्यात अनिल शर्मा पिछले 20 सालों से जेल में बंद है.
कुख्यात गैंगस्टर अनिल शर्मा के पिता नंदेश शर्मा का रांची के स्वर्णरेखा तट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया. कुख्यात गैंगस्टर अनिल शर्मा को डीएसपी स्तर के पुलिस अधिकारी की अगुवाई में भारी सुरक्षा इंतजाम के बीच जेल से सीधे घाट लाया गया. अनिल शर्मा के रांची आने के बाद पूरा स्वर्णरेखा घाट पुलिस छावनी में तब्दील हो गई.
सामाजिक मान्यता के अनुसार पिता को बड़े पुत्र द्वारा मुखाग्नि देने की परंपरा है. इसी वजह से अनिल शर्मा को पिता के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए जेल से लाया गया था. अंतिम संस्कार के बाद अनिल शर्मा को वापस सुरक्षा के बीच दुमका जेल भेज दिया.
जेल में रहने के बाद भी था सक्रिय
साल 2017 में झारखंड के डीजीपी डीके पांडे ने रांची एसएसपी, रामगढ़ और हजारीबाग के एसपी को पत्र लिखकर अनिल शर्मा समेत चार अपराधियों के जेल में रहने के बावजूद सक्रिय रहने की बात कही थी. जिसके बाद अनिल शर्मा को हजारीबाग से दुमका जेल भेजने का आदेश दिया गया था.
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दर्जनों मामले दर्ज हैं इस गैंगस्टर पर
झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर अनिल शर्मा पिछले 20 सालों से जेल में बंद है. झारखंड में अनिल शर्मा के खिलाफ कई थानों में हत्या और आर्म्स एक्ट के दर्जनों मामले दर्ज है. रांची जेल में रहते हुए अनिल शर्मा ने अपने प्रतिद्वंदी भोमा सिंह की जेल में ही गला काटकर हत्या कर दी थी.
पटना के सचिवालय थाना में 1992 में अनिल शर्मा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था. वहीं, बेगूसराय के टेलड़ा थाना में भी हत्या संबंधित एक मामला दर्ज है. इसके अलावा वैशाली और हाजीपुर में भी अनिल शर्मा के ऊपर हत्याकांड के मामले दर्ज हैं. रांची के लोअर बाजार, बरियातू , चुटिया, सुखदेवनगर, डोरंडा, जग्गनाथपुर और हिंदपीढ़ी मे भी अनिल शर्मा के खिलाफ हत्या की साजिश, आर्म्स एक्ट और हत्या के मामले दर्ज हैं.