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सड़क हादसे में इलाज कराने आये मरीज की मौत, परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाया किडनी निकालने का आरोप - रांची के सैम्फोर्ड अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप

रांची के सैम्फोर्ड अस्पताल में हजारीबाग से आए एक मरीज की इलाज के दौरान मौत हो गई. मरीज के मौत होते ही अस्पताल प्रबंधन की ओर से मरीज के डेड बॉडी को रिम्स में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद मृतक के परिजन आक्रोशित हो गए और उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

सैम्फोर्ड अस्पताल
सैम्फोर्ड अस्पताल

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Published : Sep 20, 2020, 7:58 PM IST

रांची:जिले का सैमफोर्ड अस्पताल एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है. दरअसल, हजारीबाग जिले से आए सड़क हादसे में घायल हुए मरीज को इलाज के लिए सैम्फोर्ड अस्पताल में शनिवार को भर्ती कराया गया था. मरीज को सिर पर गंभीर चोट आई थी, जिसका इलाज सैम्फोर्ड अस्पताल में किया जा रहा था. मरीज की स्थिति को देखते हुए न्यूरो आपरेशन थिएटर में आपरेशन किया गया. लेकिन ऑपरेशन के बाद मरीज की स्थिति बिगड़ती चली गई और रविवार की सुबह मरीज की मौत हो गई.

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पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया शव

मरीज के मौत होते ही अस्पताल प्रबंधन की ओर से मरीज के डेड बॉडी को रिम्स में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद मृतक के परिजन आक्रोशित हो गए और उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया और साथ ही साथ मरीज के किडनी निकालने की भी बात कही.

मरीज के पेट पर दिखा चीरा का निशान

पूरे मामले पर मृतक के परिजन ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि सुबह 7:00 बजे से पहले तक अस्पताल के कर्मचारियों को न तो कोई सूचना दी गई और न ही मिलने दिया जा रहा था और जब वे 7:00 बजे मरीज को देखने गए. तो मरीज को मृत पाया गया, जिसके बाद लोगों को शक हुआ और मरीज की डेड बॉडी को चेक किया, तो देखा गया कि मरीज के पेट में चीरा लगा हुआ था, जिससे यह प्रतीत होता है कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से मरीज की एक किडनी निकाल ली गई है.

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निराधार है आरोप

अस्पताल प्रबंधन के अधिकारी दिवाकर मेहता ने बताया कि परिजनों का आरोप बिल्कुल निराधार है क्योंकि चिकित्सा पद्धति के अनुसार अगर सिर में चोट आती है, तो सिर के हड्डी को जीवित रखने के लिए पेट में रखा जाता है इसीलिए पेट में चीरा लगाया गया था. लेकिन मरीज के परिजन ज्ञान के अभाव में किडनी निकालने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं अस्पताल प्रबंधन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि एक्सीडेंट केस में कानून रूप से मृतक के शव को परिजन को नहीं दिया जा सकता बल्कि पोस्टमार्टम के लिए पुलिस के हवाले करना पड़ता है इसीलिए पोस्टमार्टम के लिए डेड बॉडी को रिम्स भेजा गया.

पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराने की मांग

मामले की जानकारी मिलते ही अंजुमन इस्लामिया संस्था के कई कार्यकर्ता रिम्स अस्पताल पहुंचे और पूरे पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराने की मांग की. ताकि सच्चाई सामने आ सके. अंजुमन इस्लामिया के जनरल सेक्रेटरी ने मांग किया है कि पूरे मामले पर निष्पक्ष जांच हो और अगर सैम्फोर्ड अस्पताल की ओर से किसी तरह की लापरवाही या फिर अनियमितता की गई है, तो उस पर कार्रवाई भी हो सके. ताकि निजी अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाया जा सके.

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