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क्रिसमस पर आई फेस्ट का आयोजन, रांची में जुटे नेत्र विशेषज्ञ, कहा- देर से लोग कराते हैं इलाज

रांची में आई फेस्ट का आयोजन किया गया(Eye Fest organized in Ranchi). जिसमें सौ डॉक्टरों ने हिस्सा लिया(Eye specialist seminar in Ranchi). इस सेमिनार में आंखों की बीमारी और उसके समाधान पर चर्चा की गई. इस दौरान डॉक्टरों ने कहा कि लोग आंखों को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं होते हैं. अक्सर काफी देर से वो आंखों का इलाज कराने आते हैं. जरूरत है कि समय समय पर ऑखों की जांच कराई जाए. जिससे कि बीमारी से बचा जा सके.

Eye specialist seminar in Ranchi
रांची में आई फेस्ट का आयोजन

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Published : Dec 25, 2022, 1:02 PM IST

Updated : Dec 25, 2022, 2:00 PM IST

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रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स और रांची ओफ्थोल्मिक फोरम एंड रीजनल इंस्टिट्यूट के संयुक्त तत्वाधान में साइंटिफिक सेमिनार का आयोजन किया गया(Eye specialist seminar in Ranchi). जिसमें करीब राज्यभर से आए 100 नेत्र चिकित्सकों ने भाग लिया. इस साइंटिफिक सेमिनार और क्रिसमस मिलन समारोह की संयोजिका भारती कश्यप ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया.

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नेत्र रोग की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ भारती कश्यप ने बताया कि यह सेमिनार क्रिसमस के मौके पर आयोजन किया गया है, लेकिन जिस तरह से आंखों की समस्या आज की तारीख में हर उम्र के लोगों में देखने को मिल रही है, वह कहीं ना कहीं चिंता का विषय है. इसी को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए आई फेस्ट का आयोजन किया जा रहा है.

कार्यक्रम में मौजूद रिम्स के नेत्र विभागाध्यक्ष डॉ राजीव गुप्ता ने बताया कि आज भी 30 से 40% लोग अपने आंखों के प्रति गंभीर नहीं हैं. जिस तरह से वातावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, वह सीधा आंखों को नुकसान पहुंचा रहा है लेकिन लोग इसको लेकर सजग नहीं हैं. जिस वजह से आंखों की समस्या प्रतिदिन बढ़ रही है. जरूरत है कि लोग अपने शरीर की तरह आंखों की भी नियमित रेटिना चेक उप करवाते रहें और समस्या आते ही आंखों से जुड़े डॉक्टरों की तुरंत सलाह लें.

कार्यक्रम में मौजूद डॉक्टर दीपक लकड़ा ने बताया कि कई बार मरीजों को अचानक अपनी दृष्टि के क्षेत्र में किसी विशेष वस्तु पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है या फिर उस वस्तु पर ध्यान केंद्रित करने पर धुंधलापन अनुभव होता है. ऐसे में संबंधित लोगों को अपनी आंख जांच कराने की जरूरत है, क्योंकि इस तरह की समस्या भविष्य में मरीज के लिए मुसीबत ला सकती है.

कार्यक्रम में मौजूद डॉक्टरों ने कई बीमारियों को लेकर चर्चा की, जिसमें यह बताया गया कि यदि मरीज मधुमेह जैसे रोग या उच्च रक्तचाप से पीड़ित है तो यह मधुमेह संबंधित रेटिनोपैथी जैसे रेटिना संबंधित समस्याओं को जन्म दे सकता है जो अंधापन के प्रमुख कारणों में से एक है. इसके अलावा रतौंधी और धुंधली दृष्टि की भी समस्या आज की तारीख में लोगों के बीच देखने को मिलती है, जरूरत है कि लोग अपनी आंख की बीमारियों के प्रति ज्यादा से ज्यादा गंभीर हो ताकि अपने स्वस्थ आंखों से दुनिया देख सके. जिन मरीजों की उम्र 40 से ऊपर है या फिर वह ब्लड प्रेशर और शुगर जैसी बीमारियों से ग्रसित हैं, वैसे लोगों को समय-समय पर डॉक्टर से जांच करानी चाहिए. जिससे कि ग्लूकोमा और मोतियाबिंद जैसी बीमारियों से लोग बच सके.

Last Updated : Dec 25, 2022, 2:00 PM IST

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