रांची: लॉकडाउन में बड़ी संख्या में झारखंड के प्रवासी मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए हैं. लगातार मजदूरों को लाया भी जा रहा है, लेकिन कारगिल में बटालिक सेक्टर के लेह में फंसे झारखंड के मजदूरों ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके घर वापसी विशेष विमान से होगी. झारखंड सरकार की पहल पर लेह में फंसे 60 प्रवासी मजदूरों को रांची लाया जा रहा है.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से खास बातचीत की ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह ने. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस दिशा में पहल बहुत पहले शुरू की थी लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से किसी तरह का सहयोग नहीं मिला, बाद में डोमेस्टिक फ्लाइट जब शुरू हुई, तब लद्दाख प्रशासन से संपर्क साध कर मजदूरों को लाने की रूपरेखा बनाई गई. उन्होंने कहा कि लेह में रहने वाले लोग ही समझते हैं कि वहां जिंदगी कितनी कठिन है. यह पूछे जाने पर कि क्या मजदूरों से उनकी बात हुई है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मजदूरों से बात हुई है और सभी का यही कहना था कि 'हम लोगों को यहां से निकालिए भैया.'