मोतिहारी:अरेराज डीएसपी ज्योति प्रकाश को गैलेंट्री अवार्ड के लिए नामित किया गया है. जिन्हे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पुरस्कृत किया जाएगा. राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद गृह विभाग ने गैलेंट्री अवार्ड के लिए सूची जारी की है. जिसमें बिहार के कुल 13 पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया जाएगा.
ऐसे में ईटीवी भारत से ज्योति प्रकाश ने खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि यह अवार्ड उनकी एक बहादुरी के लिए दिया जा रहा है. दरअसल सन् 2000 में अविभाजित बिहार में हजारीबाग जिले के चौपारण थाना में यह थानाध्यक्ष थे. सन् 2000 के जून महीने में ज्योति प्रकाश को सूचना मिली कि माओवादियों का एक दस्ता स्थानीय थाना के नौवाडीह गांव में किसी घटना को अंजाम देने के लिए इकट्ठा हुआ है.
नक्सलियों से मुठभेड़ की कहानी
जिसके बाद प्राप्त सूचना के आधार पर वह अपने वरीय अधिकारियों को जानकारी देने के बाद पुलिस बल के साथ निकले. जिस ऑपरेशन को तत्कालिन सर्किल इंस्पेक्टर रमाकांत प्रसाद लीड कर रहे थे. पुलिस ने जब नक्सलियों की घेराबंदी शुरु की. तो नक्सलियों की तरफ से फायरिंग होने लगी. दोनों तरफ से लगभग दो घंटे तक मुठभेड़ चली. मुठभेड़ के बाद पुलिस ने जब सर्च ऑपरेशन शुरु किया, तो नक्सली कमांडर राजकुमार भुईयां का शव बरामद हुआ.