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कोल माफिया और पुलिस अफसरों के बीच करोड़ों की लेन-देन के मिले सबूत, व्हाट्सएप चैट से भी खुलासा - मगध अम्रपाली कोल परियोजना में जांच

मगध अम्रपाली कोल परियोजना में मिली शिकायत पर हुई जांच में पुलिस अफसरों और माफियाओं के बीच करोड़ों की लेन देने के सबूत मिले हैं. जांच में कोयला तस्करों, पुलिस अफसरों के बीच के कई व्हाट्सएप चैट और मैसेज भी स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम को मिले हैं.

Evidence of  transactions found between coal mafia and police officers
कोल माफिया और पुलिस अफसरों के बीच करोड़ों की लेन-देन के मिले सबूत

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Published : Jul 10, 2020, 10:20 PM IST

रांची: मगध अम्रपाली कोल परियोजना में मिली शिकायत पर हुई जांच में कोयला तस्करी से जुड़े कई बड़े खुलासे हुए हैं. जांच में पुलिस अफसरों और माफियाओं के बीच करोड़ों की लेन देने के सबूत मिले हैं. जांच से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध करवा दी गई है. जांच में कोयला तस्करों, पुलिस अफसरों के बीच के कई व्हाट्सएप चैट और मैसेज भी स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम को मिले हैं. इसमें पूर्व थानेदार भी जांच टीम की राडार पर हैं.थानेदार तो सीधे लोडर ही अपने रिश्तेदारों के नाम पर चलवा रहे थे. इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी गई है. मुख्यालय को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि अवैध कारोबार में लोडर, ट्रांसपोर्टर, लिफ्टर की भी संलिप्तता है. साथ ही लातेहार के अलावा कई अन्य जिलों के पुलिसकर्मी भी कोयला माफियाओं के साथ मिले हुए हैं.

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क्या आया जांच में
पुलिस ने मामले में साक्ष्य मिलने के बाद कोयला माफिया मिथून साव, चेतलाल रामदास, पवन कुमार को गिरफ्तार किया था. माफियाओं ने पुलिस अधिकारियों, सीसीएल के पदाधिकारियों और कर्मियों के सहयोग से अवैध कोयला कारोबार करने की बात स्वीकार की. पूछताछ में बताया गया कि अवैध कोयला पकड़ा नहीं जाए इसके लिए लोडिंग, कांटा, जीएसटी और परिवहन संबंधी फर्जी कागजात तैयार किए जाते थे. मोबाइल की जांच में यह बात सामने आयी कि पुलिसकर्मियों और कोल माफियाओं के बीच मैसेज पर कई सारी बातें मौजूद हैं. वहीं, कोयला के अवैध परिवहन के लिए रांची में रहने वाला संतोष मिश्रा फर्जी कागजात बनाता था. पुलिस ने संतोष के अरगोड़ा स्थित ऑफिस की भी तलाशी ली थी, जहां से कोयला संबंधी फर्जी कागजात मिले थे. व्हाट्सएप पर कई कागजात मिथून साव, त्रिवेणी साव को भेजे जाने के सबूत मिले हैं.

करोड़ों की लेन देन, खातों का हो रहा सत्यापन
पुलिस मुख्यालय को भेजी रिपोर्ट में लातेहार एसपी ने बताया है कि कांड में संलिप्त व्यक्तियों के ज्ञात बैंक खातों की जांच में पाया गया है कि कोयला माफियाओं के खातों के जरिए करोड़ों रुपये की राशि का लेनदेन नियमित रूप से हुई है. मामले में पुलिस अफसरों के खातों का भी सत्यापन किया जा रहा है. कांड में तत्कालीन थानेदार राजेश मंडल, पूर्व के थानेदारों और तत्कालीन एसडीपीओ रणवीर सिंह की संलिप्तता आयी है. जांच में इस बात की पुष्टि भी हुई है कि कांड में जब्त एक पे लोडर पूर्व थानेदार सुभाष कुमार पासवान के निकट संबंधी का है.

इन बिंदुओं पर भी गहराई से जांच की जरूरत
एसआईटी ने सीसीएल के पदाधिकारियों की भूमिका की गहराई से जांच करने, पैसों के लेन देने और साक्ष्यों के पूर्ण संकलन की जरूरत बतायी है. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट मे लिखा है कि अबतक की जांच में ही करोड़ों के लेन देन के सबूत मिले हैं. कांड चोरी में दूसरे जिलों के गिरोहों की भी भूमिका बतायी गई है. एसआईटी ने रामगढ़ में अमित केसरी और रांची में संतोष मिश्रा के यहां से जो फर्जी दस्तावेज बरामद किए थे, उससे एसआईटी ने आशंका जाहिर की है कि गिरोह के अंतर्राज्यीय लिंक हैं. टैक्स चोरी की पहलूओं पर भी जांच की गुजारिश एसआईटी ने पुलिस मुख्यालय से की है.

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