बेड़ाे, रांचीःझारखंड की राजधानी रांची के एक बुजुर्ग को तीन बेटियों की शादी करनी है और हाथ खाली हैं. अब तो वेतन भी बंद है तो गुजारा ही मुश्किल है... फिर शादी की सोचना दूर की बात है. ऐसा भी नहीं है कि उनके पास कुछ है ही नहीं, लेकिन जो है अफसरों की मुट्ठी में फंसा है. इसी के लिए पेट काटकर पीएफ के रूप में जमा की गई अपनी ही गाढ़ी कमाई को पाने के लिए बुजुर्ग को आठ माह से एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर भटकना पड़ रहा है. मुख्य महाप्रबंधक उत्तरी कर्णपुरा क्षेत्र डकरा एवं क्षेत्रीय आयुक्त कोयला खान भविष्य निधि तक को पत्र लिखा है, लेकिन कुछ नहीं हुआ. कुछ होता भी क्यों, अफसरों की सेहत पर तो इससे फर्क नहीं पड़ता. हालत यह है कि अब उनकी हिम्मत भी टूटने लगी है. बुजुर्ग ने आखिरी बार सीएम हेमंत सोरेन को पत्र भेजकर उनसे मदद की गुहार लगाई है. साथ ही मीडिया के माध्यम से कहा कि, अब मदद नहीं मिली तो जान दे देंगे.
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रांची जिले के बेड़ो प्रखंड के खुखरा गांव निवासी सेवानिवृत्त सीसीएलकर्मी हलधर सिंह को आठ माह बाद भी पीएफ और पेंशन की रुपये नहीं मिले हैं. इससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हलधर सिंह ने बताया कि वे सेंट्रल कोल फील्ड, एनके एरिया पुरनाडीह परियोजना से जनरल मजदूर के पद से 31 अक्टूबर 2020 को सेवानिवृत्त हुए थे. सेवानिवृत्त होने के आठ माह बाद भी उन्हें उनके पीएफ और पेंशन की पैसा नहीं मिला है. उन्होंने इससे पहले मुख्य महाप्रबंधक उत्तरी कर्णपुरा क्षेत्र डकरा एवं क्षेत्रीय आयुक्त कोयला खान भविष्य निधि तक को पत्र लिखा है. लेकिन उसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. इधर, हलधर सिंह ने आरोप लगाया कि इसके लिए पीएफ कार्यालय के कर्मचारी को 20 हजार रुपये भी दिए, लेकिन काम नहीं किया.