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हिंदी दिवस विशेष: अंग्रेजी बोलने का मतलब हिंदी को भूलना नहीं है! - हिंदी वर्णमाला

हर साल 14 सितंबर को लोग हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं. इस दिन भारत की राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार के प्रति हिंदी भाषी के लोग संकल्प लेते हैं, लेकिन आज के आधुनिक युग में लोग हिंदी भाषा को काफी पिछे छोड़ते जा रहे हैं. इस विशेष मौके पर जब रांची के लोगों से  'क' 'ख' 'ग' के सवाल किए गए तो कई छात्र ठीक से जबाब भी नहीं दे पाए.

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Published : Sep 14, 2019, 6:03 AM IST

Updated : Sep 14, 2019, 6:00 PM IST

रांची: हर साल 14 सितंबर को पूरा भारत हिंदी दिवस के रूप में मनाता है. ये दिन भारतीयों के लिए विशेष होता है, लेकिन क्या हिंदी के शब्दों की जानकारी लोगों को है? इन्हीं सवालों को लेकर ईटीवी भारत की टीम रांची के विभिन्न जगहों का दौरा किया और लोगों से हिंदी दिवस के मौके पर कुछ सवालों के जवाब पूछने की कोशिश की, लेकिन छात्रों की तरफ से जिस तरह की प्रतिक्रिया आई वह काफी निराशाजनक है.

हिंदी दिवस पर ईटीवी भारत की विशेष रिपोर्ट

हर साल 14 के दिन सरकारी विभागों के साथ-साथ हिंदी भाषी लोगों में राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार के प्रति संकल्प लेते हैं. हिंदी भाषा के प्रति हमारे लगाव को लेकर ईटीवी भारत की टीम शहर के आरयू कैंपस, डीएसपीएमयू कैंपस के साथ-साथ कई जगहों पर पंहुचा. इस दौरान हिंदी दिवस की विशेषता और कुछ सवालों को लेकर विद्यार्थियों से हिंदी के कुछ आसान सवाल के जवाब पूछे गए. इन सवालों का कुछ छात्रों ने तो जवाब दिया, लेकिन कई ऐसे भी थे जिन्हें हिंदी के वर्णमाला तक नहीं पता थे. ऐसे में हम सब कल्पना कर सकते हैं कि हिंदी भाषी देश में हिंदी का कितना उत्थान हो रहा है.

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हिंदी भाषा की इतिहास की बात करें तो यह भाषा लगभग एक हजार साल पुरानी मानी जाती है. वहीं, भारत में 60 से 65 प्रतिशत लोग हिंदी बोलते हैं और भारत की राजभाषा भी हिंदी है. ऐसे में नई पीढ़ी के लोगों में हिंदी के प्रति उत्सुकत्ता देखनें को नहीं मिलती है.

Last Updated : Sep 14, 2019, 6:00 PM IST

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