नई दिल्ली:झारखंड के पहले सीएम रहे और झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने बड़ा फैसला लिया है. 17 फरवरी को उनकी पार्टी का बीजेपी में विलय होगा. 14 साल के बाद बाबूलाल मरांडी घर वापसी कर रहे हैं. जब उनकी पार्टी का बीजेपी में विलय होगा तब झारखंड में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे.
रांची से बीजेपी सांसद संजय सेठ ने कहा कि बाबूलाल मरांडी के बीजेपी में आने से बीजेपी बहुत मजबूत स्थिति में आ जाएगी, वह सर्वमान्य नेता हैं, गांव-टोला- पंचायत तक लोग उनका सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के पहले मुख्यमंत्री रहते जो कामकाज किया था उसको लोग आज भी याद करते हैं. बाबूलाल मरांडी अपने युवा काल से ही आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद की विचारधारा से जुड़े रहे हैं, भले उन्होंने अलग पार्टी बना ली थी, लेकिन अपनी विचारधारा को कभी नहीं छोड़ा था.
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बाबूलाल मरांडी को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
सूत्रों के अनुसार बाबूलाल मरांडी के सामने तीन विकल्प रखे गए हैं. केंद्र सरकार में मंत्री बनने का, झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बनने का या विधायक दल का नेता बनने. इस पर संजय सेठ ने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने खुद कहा कि वह बीजेपी में आकर एक सामान्य कार्यकर्ता की तरह काम करेंगे, लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि जब बीजेपी में वह आएंगे तो उनको बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी. वह जिम्मेदारी कौन सी होगी यह हम अभी नहीं बता सकते हैं.
बीजेपी में सभी कार्यकर्ता एक समान
संजय सेठ से जब यह पूछा गया कि बाबूलाल मरांडी ने 2006 में जब बीजेपी छोड़ा था उसके बाद से झारखंड बीजेपी में जिन नेताओं का कद बढ़ा है उनका क्या होगा, जब बाबूलाल वापस आ जाएंगे तो, इस सवाल के जवाब में संजय सेठ ने कहा कि बीजेपी में कोई बड़ा और छोटा कार्यकर्ता नहीं होता, राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर बूथ अध्यक्ष तक सब एक-समान कार्यकर्ता होते हैं, बीजेपी सबके सम्मान का ख्याल रखती है.
बता दें झारखंड के विधानसभा चुनाव में बाबूलाल मरांडी की पार्टी 3 सीट जीती थी, लेकिन विधायक बंधु तिर्की और विधायक प्रदीप यादव पार्टी से बाहर हो चुके हैं. क्योंकि वह लोग नहीं चाहते थे कि JVM का बीजेपी में विलय हो जाए.