रांची: झारखंड में विश्वविद्यालय और कॉलेजों में नामांकन की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है. अधिकतर कॉलेजों की सीट फुल हो चुकी है. एक्स्ट्रा सीट बढ़ाने के बावजूद भी कॉलेजों में अब सीट नहीं बची है, क्योंकि इस बार कोरोना के मद्देनजर राज्य के बाहर विद्यार्थी गए ही नहीं. ऐसे में इस साल मैट्रिक और इंटर की कंपार्टमेंटल परीक्षा देने वाले छात्रों के साने एक बड़ी परेशानी आ गई है.
झारखंड में मैट्रिक और इंटरमीडिएट पूरक परीक्षा में इस साल 62 हजार परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए है, लेकिन उनके सामने अब यह परेशानी है कि परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद वह नामांकन कहां लेंगे, क्योंकि राज्य के रांची विश्वविद्यालय, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, विनोबा भावे विश्वविद्यालय समेत सभी विश्वविद्यालयों में नामांकन की प्रक्रिया पूरी तरह बंद हो चुकी है. यह परेशानी इंटरमीडिएट और ग्रेजुएशन में नामांकन को लेकर विद्यार्थियों को होगी. कई कॉलेजों में सीटें फुल होने की वजह से नामांकन पूरी तरह बंद हो गया है. चांसलर पोर्टल के जरिए विश्वविद्यालय में नामांकन लिया जा चुका है. ऐसी परिस्थिति में एक बार फिर से चांसलर पोर्टल को छात्रों के लिए खोलना पड़ सकता है. इस मामले को लेकर जब विश्वविद्यालय प्रबंधकों से बातचीत की गई तो उनका कहना है की झारखंड एकेडमिक काउंसिल और उच्च शिक्षा विभाग से विचार विमर्श करने के बाद इस दिशा में पहल की जा सकती है. हालांकि अगर इस दिशा में सही समय पर उचित निर्णय नहीं लिया जाता है तो ऐसे विद्यार्थियों का एक साल बर्बाद हो सकता है.
ऑनलाइन पढ़ाई हो चुकी है शुरू
सभी कॉलेजों में नामांकन लिए विद्यार्थियों की ऑनलाइन पढ़ाई भी शुरू हो चुकी है. यूट्यूब के माध्यम से कक्षाएं भी संचालित हो रही है. इधर कंपार्टमेंटल एग्जाम देने वाले इंटरमीडिएट और मैट्रिक के विद्यार्थियों का भविष्य अधर में है. ऐसे विद्यार्थी रिजल्ट के इंतजार में है और विश्वविद्यालय की ओर से नामांकन लेने को लेकर सहमति मिलने की आस लिए बैठे हैं, ताकि उनका एक साल बर्बाद ना हो और वह भी सामान्य विद्यार्थियों के साथ अपना सेशन समाप्त कर सके.
कॉलेजों में नामांकन बंद, जैक इंटर-मैट्रिक पूरक परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटका - Matriculation and Intermediate Supplementary Examination
झारखंड में लगभग सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. कॉलेजों में अब सीट फुल हो चुका है. ऐसे में इस साल मैट्रिक और इंटर की कंपार्टमेंटल परीक्षा देने वाले छात्रों के सामने एक बड़ी समस्या आ गई है. कोरोना के कारण इस साल छात्र पढ़ाई करने दूसरे प्रदेशों में नहीं जा सके, जिसके कारण यह समस्या उत्पन्न हो गई है.
नामांकन प्रक्रिया पूरी
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सही समय पर लेना होगा उचित निर्णय
इस शिक्षा विभाग को पहल करनी होगी. राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के लिए अलग से निर्देश जारी करना होगा, जिसके बाद 62 हजार विद्यार्थियों का भविष्य खराब होने से बच सकता है.