रांची:निगम के परमिशन के बिना स्टॉल लगाए जाने के मामले पर एनफोर्समेंट टीम ने लाखों के काटे गए फाइन को कम कर दिया था, फाइन कम करना निगम को महंगा पड़ गया है. इस मामले को मुख्यमंत्री ने भी संज्ञान में लिया.
जिसके बाद निगम ने सफाई देते हुए कहा है कि अस्थाई संरचना के लिए त्रैमासिक फाइन काटा जाता है, लेकिन जानकारी के अभाव में 1 साल का फाइन काट दिया गया था. इस लिए संशोधन करते हुए फाइन की राशि को कम की गई.
इस पर उपनगर आयुक्त रजनीश कुमार ने सोमवार को फाइन की राशि की तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि नगर पालिका अधिनियम 2011 की धारा के तहत जुर्माने के राशि अस्थाई संरचना के लिए त्रैमासिक ली जाती है और उस लिहाज से बाजार शाखा से संपर्क करने के बाद फाइन की राशि को कम किया गया है.
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उन्होंने कहा कि एनफोर्समेंट टीम के पास जानकारी कम थी इसलिए पहले 1 साल के फाइन की राशि काटी गई थी. लेकिन बाजार शाखा से जानकारी ली गई तो पता चला कि कार के प्रचार के लिए न्यूक्लियस मॉल के पास मात्र 3 दिनों के लिए स्टॉल लगाया गया था. जिसके बाद फाइन की राशि में संशोधन किया गया है.
बता दें कि शनिवार को शहर के न्यूक्लियस मॉल के पास एक कार कंपनी ने प्रचार के लिए स्टॉल लगाया था. बिना निगम के अनुमति के स्टॉल लगाने पर पहले 1.42 लाख रुपये का जुर्माना काटा गया, लेकिन बाद में इसे घटाकर 35 हजार रुपए कर दिया गया. इसको लेकर मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके नगर निगम आयुक्त को राशि कम किए जाने पर नसीहत भी दी. जिसका जवाब नगर पालिका अधिनियम 2011 की धारा के तहत ट्वीट करके दिया गया.