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रांचीः बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन, 45 मुर्गी उत्पादक युवाओं ने लिया हिस्सा

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Published : Mar 27, 2021, 10:57 PM IST

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा संकाय की और से आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन समारोह शनिवार को आयोजित किया गया. समापन समारोह को संबोधित करते हुए डॉ सुशील प्रसाद ने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मुर्गी के मांस और अंडों की खपत बढ़ गया है. इससे मुर्गी पालन में रोजगार और व्यवसाय की काफी संभावनाएं हैं.

रांची
तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन

रांचीःबिरसा कृषि विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा संकाय की और से आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन समारोह शनिवार को आयोजित किया गया. इस शिविर में बिहार के भागलपुर जिले के 45 मुर्गी उत्पादक युवा शामिल हुए.

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प्रशिक्षण में शामिल प्रतिभागियों को मुर्गी का पालन-पोषण, दाना मिश्रण, रख-रखाव प्रबंधन, ब्रूडर गृह की तैयारी, जल एवं आहार का प्रबंधन, आवास की व्यवस्था, मुर्गियों में टीकाकरण की अवधि, दवाई, खुराक एवं ब्रायलर मुर्गी पालन, बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग, मुर्गियों के रोग की पहचान और उपचार की जानकारी दी गई. इसके साथ ही कॉलेज के मुर्गी फार्म में चूजा उत्पादन केंद्र, चूजा पालन गृह, प्रजनन गृह, बढ़वारी मुर्गी पालन गृह में व्यावहारिक तकनीकों की भी जानकारी दी गई.

मुर्गी पालन में रोजगार की काफी संभावनाएं

समापन समारोह को संबोधित करते हुए डॉ सुशील प्रसाद ने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मुर्गी के मांस और अंडों की खपत बढ़ गया है. इससे मुर्गी पालन में रोजगार और व्यवसाय की काफी संभावनाएं हैं. शहरी क्षेत्र में ब्रायलर उत्पादन एवं ग्रामीण परिवेश में बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग से आजीविका सुनिश्चित की जा सकती है. उन्नत नस्ल, मांस एवं अंडों वाली मुर्गियों का अलग-अलग वैज्ञानिक प्रबंधन से अधिक लाभ मिल सकता हैं. इसके साथ ही डॉ प्रसाद ने सभी 45 प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया.

चूजों को दें प्रोटीन युक्त आहार

बायोटेक किसान हब कार्यक्रम के तहत पलामू कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से 60 किसानों की टीम ने वेटनरी कॉलेज स्थित मुर्गी एवं सूकर फार्म का निरीक्षण किया. डीन व मुर्गी फार्म प्रभारी डॉ सुशील प्रसाद ने बताया कि बढ़वार के लिए चूजों को प्रोटीन युक्त आहार दें. मुर्गी को प्रोटीन, कार्बोहाईड्रेट एवं वसा युक्त आहार जैसे मकई का दर्रा, खल्ली और हरा चारा खिलाएं. उन्होंने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि बीमार पशुओं को टीका नहीं लगवाए. सूकर फार्म के प्रभारी डॉ रविंद्र कुमार ने किसानों को संकर नस्ल सूकर पालन में प्रबंधन, प्रमुख बीमारियां और बचाव के उपाय की जानकारी दी. इस मौके पर पशु उत्पादन एवं प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष एवं डीन डॉ सुशील प्रसाद, डॉ रविंद्र कुमार, डॉ निशांत पटेल, डॉ पवन कुमार, डॉ धर्म साहू, डॉ केएल जेफ्ट सहित कई वेटनरी डाॅक्टर उपस्थित थे.

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