रांची: झारखंड बिजली वितरण निगम (JBVNL) अपने घाटे को पाटने के लिए इन दिनों राजस्व संग्रह पर विशेष जोर दे रही है. इसके तहत वर्तमान बिजली दर में बढ़ोतरी कर वित्तीय कमी को पुरा करने में जेबीवीएनएल जुटी है. आंकड़ों के मुताबिक जेबीवीएनएल का घाटा करीब 7400 करोड़ है. यह घाटा साल दर साल बढ़ता जा रहा है. विभाग के आंकड़ों पर नजर दौड़ायें तो वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2200 करोड़, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2600 करोड़, 2022-23 में 2500 करोड़ का घाटा है.
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बिजली टैरिफ में 20% वृद्धि करने का प्रस्तावः राजस्व हानि के बीच सरकार के द्वारा शुरू की गई 100 यूनिट फ्री बिजली ने जेबीवीएनएल को खासा परेशान कर दिया है. इस वजह से जहां बकायदारों से बिजली बिल वसूली पर जोर दिया जा रहा है, वहीं बिजली टैरिफ में 20% वृद्धि करने का प्रस्ताव राज्य विद्युत नियामक आयोग को दिया गया है.
बिजली दर बढ़ने के हैं आसारःबिजली की दर में वृद्धि की संभावना दिख रही है. जेबीवीएनएल के प्रस्ताव पर विद्युत नियामक आयोग विचार कर रहा है. पिछले तीन वित्तीय वर्षों से जेबीवीएनएल का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग में लंबित हैं. पहले वर्ष 2021-22 के टैरिफ प्रस्ताव पर नियामक आयोग निर्णय करेगा. इसके बाद 2022-23 और 2023-24 के प्रस्ताव पर निर्णय होगा.
टैरिफ पिटीशन को लेकर जनता से मांगा गया था सुझावः हाल ही में झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2021-22 की टैरिफ पिटीशन को जारी करते हुए आम जनता से सुझाव मांगा है. यह टैरिफ पिटीशन नवंबर 2020 में दाखिल की गई थी. नियामक आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों के रिक्त पदों के कारण इस पर सुनवाई नहीं हो पाई थी. अब जब नियामक आयोग में अध्यक्ष और सदस्य पूर्ण रूप से काम करने लगे हैं तो इस प्रस्ताव पर सुनवाई शुरू हुई है. वैधानिक प्रावधानों के अनुसार आम लोगों से सुझाव के लिए समय सीमा 21 दिन निर्धारित है. इसके बाद नियामक आयोग प्रमंडलवार तिथि निर्धारित कर जनसुनवाई की तारीख मुकर्रर करती है. पूरी प्रक्रिया होने के पश्चात नियामक आयोग के द्वारा इस पर फैसला सुनाया जाता है.
तीन वित्तीय वर्षों के टैरिफ प्लान पर अलग-अलग सुनवाई होगीः इस तरह से नियामक आयोग में लंबित तीन वित्तीय वर्षों के टैरिफ प्लान पर अलग-अलग सुनवाई होगी और इसकी प्रक्रिया पूरी होने में दो से तीन महीने लगने की संभावना है. इन सबके बीच जेबीवीएनएल को उम्मीद है कि भेजे गए टैरिफ प्लान पर नियामक आयोग की मंजूरी मिल जाएगी. इससे उपभोक्ताओं पर भले ही आर्थिक बोझ पड़ेगा, लेकिन जेबीवीएनएल का मानना है यह राशि घाटे से उबारने में मददगार साबित होगी.
विद्युत नियामक आयोग लेगा बिजली टैरिफ पर अंतिम निर्णयःगौरतलब है कि हर वर्ष 30 नवंबर को जेबीवीएनएल के द्वारा प्रस्ताव दाखिल करने की अंतिम तिथि होती है. इस प्रस्ताव के जरिए किस श्रेणी के उपभोक्ताओं का बिजली शुल्क कितना बढ़ेगा और जेबीवीएनएल की किस स्थिति है इस पर पूरी रिपोर्ट नियामक आयोग के समक्ष रखी जाती है. जेबीवीएनएल के बिजली टैरिफ बढ़ाने के प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय विद्युत नियामक आयोग लेता है.