रांची: कोरोना महामारी और लॉकडाउन को लेकर लगातार शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन पठन-पाठन सुचारू करने को लेकर कवायद तेज की जा रही है. जैसे-जैसे लॉकडाउन की अवधि बढ़ रही है, शिक्षण संस्थानों को नहीं खोले जाने को लेकर निर्देश जारी किए जा रहे हैं. शिक्षण संस्थान भी अपने तरीके से फैसले ले रहे हैं. इसी कड़ी में रांची विश्वविद्यालय ने राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर एक एजुकेशनल ग्रिड बनाने पर जोर दिया है.
रांची विश्वविद्यालय में फिलहाल ऑनलाइन पठन-पाठन के जरिए विद्यार्थियों तक स्टडी मेटेरियल पहुंचाई जा रही है. ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए रांची विश्वविद्यालय ने दूरदर्शन के जरिए पंचायत स्तर पर टीवी लगा कर पढ़ाई को सुचारू करने पर विचार किया है और इसे लेकर लगातार उच्च शिक्षा विभाग के साथ रांची विश्वविद्यालय की बातचीत भी हो रही है. इसी के तहत ऐसे ही विद्यार्थियों को फायदा मिलते रहे और सभी विश्वविद्यालय एक साथ मिलकर काम कर सके. इस उद्देश्य को लेकर रांची विश्वविद्यालय की ओर से एक एजुकेशनल ग्रिड का निर्माण किया जा रहा है. इस ग्रिड के माध्यम से विद्यार्थी पठन-पाठन सुचारु तरीके से कर सकते हैं.
क्या है एजुकेशनल ग्रिड एजुकेशनल ग्रिड भी एक ऑनलाइन प्रोसेस है, लेकिन राज्य के तमाम विश्वविद्यालय एक साथ मिलकर ओपन यूनिवर्सिटी की तर्ज पर अपनी तमाम स्टडी मेटेरियल एक दूसरे से शेयर कर सकते हैं. दूसरे विश्वविद्यालय के विद्यार्थी किसी अन्य विश्वविद्यालय के स्टडी मेटेरियल को पढ़ सकते हैं और उससे जानकारी हासिल कर सकते हैं. इसके अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों के रिसर्च और प्रोफेसरों के दिए जा रहे लेक्चर भी अलग-अलग विश्वविद्यालय के विद्यार्थी हासिल कर सकते हैं. साथ ही देख सकते हैं. इस ग्रिड का सर्वर किसी एक विश्वविद्यालय को निगरानी के लिए दिया जाएगा और उसी के तहत विद्यार्थी अपना पठन-पाठन सुचारू तरीके से कर पाएंगे. सभी विश्वविद्यालयों के पास समान रूप से एक्सेस होगा, जिसे विद्यार्थी अपने अपने विश्वविद्यालय के वेबसाइट से हासिल कर सकते हैं.
रांची विश्वविद्यालय के वीसी ने दी जानकारी
रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडे ने इसकी जानकारी दी है. उनका कहना है कि तमाम विश्वविद्यालयों से लगातार इसे लेकर बातचीत हो रही है. जल्द ही नतीजे पर तमाम विश्वविद्यालय पहुंच जाएंगे और विद्यार्थियों के लिए झारखंड में पहली बार एजुकेशनल ग्रिड की स्थापना होगी.
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आने वाले समय में भी विद्यार्थियों को होगा इससे फायदा
वाकई में कोरोना काल में यह एक नया प्रयोग है, लेकिन आने वाले समय में भी राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों को ऐसे निर्णय से फायदा मिलेगा और अगर यह व्यवस्था सुचारू तरीके से निरंतर चलती रहे तो विद्यार्थी आगे भी इसका लाभ ले पाएंगे. यह एक सराहनीय पहल है बशर्ते इसे धरातल पर उतारकर सही तरीके से इस पर अमल किया जाए.