रांची: झारखंड समेत पूरे देश में इन दिनों निजी स्कूलों की तुलना में सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था का आकलन करने के उद्देश्य से एक अभियान शुरू किया गया है. एनसीईआरटी की देखरेख में चलाए जा रहे परख अभियान के माध्यम से न केवल सरकारी स्कूलों के बच्चे परखे जा रहे हैं, बल्कि शिक्षकों और स्कूल प्रधानाचार्यों की आकलन परीक्षा भी आयोजित की जा रही है. झारखंड में सरकारी स्कूलों की जांच की जिम्मेदारी जेसीईआरटी को दी गयी है. शिक्षा सचिव के रवि कुमार के मुताबिक, आकलन के बाद रिपोर्ट सार्वजनिक की जायेगी.
परख से परखने की तैयारी, सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता के आकलन में जुटा शिक्षा विभाग
देश भर के सरकारी स्कूल की शैक्षणिक गुणवत्ता को परखने के लिए परख अभियान की शुरूआत की गई है. इसके जरिए बच्चों के साथ ही शिक्षकों और प्राचार्यों का भी आकलन किया जा रहा है. Parakh campaign to assess educational quality of government schools
Published : Nov 3, 2023, 4:25 PM IST
परख के जरिए परखे जा रहे हैं सरकारी स्कूल:
- चयनित सरकारी स्कूलों के क्लास तीन, छह और नौवीं में पढ़ने वाले दे रहे हैं परीक्षा
- इन वर्गों में पढ़ने वाले 30-30 विद्यार्थियों का होता है परीक्षा के लिए चयन
- स्कूल में नामांकित प्रथम से आठ तक के रौल नंबर वाले विद्यार्थियों को उत्कृष्ट मानकर परीक्षा में बैठने की इजाजत नहीं
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न के जरिए तर्कशास्त्र, गणित, हिन्दी जैसे विषय के कुल 50 प्रश्न हैं परीक्षा में शामिल
- इन वर्गों के क्लास टीचर और स्कूल के प्राचार्य को परीक्षा देना अनिवार्य
- शिक्षक और प्राचार्य को स्कूल प्रबंधन और विद्यार्थी से संबंधित पूछे जाते हैं प्रश्न
शिक्षक से लेकर प्राचार्य तक का आकलन:परख के जरिए स्कूलों की शैक्षिक गुणवत्ता का आकलन करने में जुटा शिक्षा विभाग शिक्षकों से लेकर प्रधानाध्यापकों तक का आकलन कर रहा है. शुक्रवार को झारखंड के सरकारी स्कूलों में परख परीक्षा का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में कक्षा 3, 6 और 9 के बच्चों समेत शिक्षकों ने हिस्सा लिया. शिक्षिका कुमारी अनु का कहना है कि आकलन के दौरान 20 प्रश्न पूछे गये जो स्कूल प्रबंधन से संबंधित विषयों पर थे. उम्मीद है कि सभी सवालों के जवाब सही होंगे. इधर, राजकीय हिंदी मध्य विद्यालय पहाड़ी टोला के प्रधानाध्यापक घनश्याम ओझा का कहना है कि इससे स्कूलों में पठन-पाठन की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा. परीक्षा संचालन की जिम्मेदारी जहां रांची में बीएड प्रशिक्षुओं को दी गयी है, वहीं अन्य जिलों में सरकारी स्कूल के शिक्षकों को जिम्मेदारी सौंपी गयी है.