रांची: शिक्षा विभाग का बजट ध्वनिमत से पारित हो गया. अनंत ओझा ने कटौती प्रस्ताव लाकर राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े किए. लेकिन बजट पर चर्चा के दौरान सबसे खास रहा मंत्री जगरनाथ महतो का जवाब. अब तक चले बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान ऐसा पहली बार हुआ जब सरकार के जवाब के दौरान मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायक सदन में मौजूद रहे. मंत्री जगरनाथ महतो ने स्वीकार किया कि कोविड की वजह से शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई है. हालांकि उन्होंने यह भी दावा किया कि तमाम चुनौतियों के बावजूद हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने शिक्षा व्यवस्था की तमाम खामियों को दूर करने के लिए कई कदम उठाए हैं.
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उन्होंने शिक्षा को बेहतर करने के लिए विपक्ष से भी प्रस्ताव देने की मांग की. साथ ही यह भी कहा कि सरकारी स्कूलों में बदलाव लाना है तो मंत्री, विधायक और अधिकारियों को अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना होगा. सिर्फ भाषणबाजी से बदलाव नहीं होगा. विभागीय मंत्री ने सदन को भरोसा दिलाया कि शिक्षा के लिए बजट में जो भी राशि आवंटित की गयी है, उसे पूरी तरह खर्च किया जाएगा. अगले साल किसी को सवाल उठाने का मौका नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने 125 स्कूलों को उत्क्रमित कर प्लस टू कर दिया है. पंचायत स्तर तक के स्कूलों में भी इंग्लिश की पढ़ाई सुनिश्चित कराई जाएगी. तैयार हो रहे मॉडल स्कूलों में पढ़ाई का मॉडल भी बदलेगा.
सदन में एक दूसरे पर खूब ली गई चुटकी: अपना पक्ष रखते हुए मंत्री जगन्नाथ महतो ने कई विपक्षी विधायकों पर चुटकी भी ली. उन्होंने भानू प्रताप शाही के बारे में कहा कि आप जब तक अपनी पार्टी चला रहे थे, तब तक क्रांतिकारी दिखते थे. लेकिन भाजपा में जाते ही सच बोलना भूल गए हैं. उन्होंने मुस्कुराते हुए स्पीकर से आग्रह किया कि भानू जी बात बात पर फुचुक कर उठ जाते हैं. इनकी कुर्सी पर फेविकोल लगा देना चाहिए. उन्होंने लंबोदर महतो पर भी चुटकी ली और कहा कि भाषा आंदोलन का ऐसा असर हुआ है कि लंबोदर जी खोरठा बोलने लगे हैं. इस दौरान उन्होंने गुरु जी और स्वर्गीय विनोद बिहारी महतो के आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों नेता बार-बार नारा लगाते थे कि पढ़ो और लड़ो. चर्चा के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का भी जिक्र हुआ. इस पर विभागीय मंत्री ने कहा कि अटल जी का नाम पवित्र है. उन्होंने सर्व शिक्षा अभियान शुरू किया था. लेकिन इसी प्रदेश की पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने स्कूलों को बंद कर दिया.