रांची:ईडी बुधवार सुबह सात बजे एक साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू, साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव, डीएसपी राजेंद्र दुबे, साहिबगंज के खनन कारोबारी खुदानिया बंधु, मुख्यमंत्री के दोस्त विनोद कुमार सिंह, रौशन सिंह, कोलकाता के कारोबारी अभय सरावगी, पूर्व विधायक पप्पू यादव, रांची के बिरसा मुंडा जेल के जमादार अवधेश कुमार के ठिकानों पर पहुंची.
ईडी सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी के दौरान शेल कंपनियों के जरिए निवेश, संदिग्ध फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के साक्ष्य एजेंसी को मिले हैं. इस दौरान ईडी ने सभी संदिग्धों के मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं. जब्त मोबाइल फोन का फोरेंसिक एनालिसिस ईडी कराएगी. गौरतलब है कि अवैध खनन के केस में ईडी पूर्व में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनके प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद, डीसी रामनिवास यादव, डीएसपी राजेंद्र दुबे से पूछताछ कर चुकी है. ईडी के गवाह विजय हांसदा को प्रभावित करने के मामले में भी डीसी और कुछ उच्च पदस्थ राजनीतिक और नौकरशाही के लोगों की संलिप्तता की बात सामने आई थी. जिसके बाद ईडी ने कार्रवाई की है.
विनोद और अभिषेक प्रसाद के कारोबारी संबंध पर ईडी ने मांगी थी रिपोर्ट:रांची के बड़े आर्किटेक्ट में शुमार विनोद कुमार सिंह, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद के कारोबारी संबध को लेकर ईडी ने 8 अगस्त 2022 को राज्य पुलिस को पत्र भेजा था. ईडी ने इस पत्र में ग्रिड कंसल्टेंट आर्किटेक्ट कंपनी के संचालक विनोद सिंह और उनके राजनीतिक संबध के प्रभाव में अकूत कमाई करने और परिजनों के नाम पर संपत्ति बनाने की जानकारी मांगी थी.
ईडी ने छापेमारी के दौरान अभिषेक प्रसाद, डीसी रामनिवास यादव से पूछताछ भी की. वहीं रांची जेल के कर्मी अवधेश कुमार से भी ईडी ने पूछताछ की. जेल में बंद अवैध खनन के आरोपी प्रेम प्रकाश के मददगार के तौर पर जेल कर्मी अवधेश का नाम सामने आया था. जेल से ईडी के गवाह को प्रभावित करने और अफसरों को निशाने पर लेने के प्रेम प्रकाश की साजिश में अवधेश की संलिप्तता के साक्ष्य मिले थे. ईडी ने अवधेश के जेल परिसर स्थित आवास पर शाम चार बजे तक छापेमारी की.
डीसी के कैंप ऑफिस में मिले घूस के आठ लाख, गोली मिली:साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव के पास घूस के आठ लाख रुपए ईडी ने बरामद किए हैं. एजेंसी के मुताबिक, बुधवार को ईडी की टीम ने जब डीसी के कैंप ऑफिस में छापा मारा तो फाइल के बीच लिफाफे में आठ लाख रुपए मिले. वहीं दफ्तर में गोलियां भी मिली हैं. ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, डीसी से बरामद पैसों और गोलियों के विषय में पूछा तो उन्होंने सीधे अनभिज्ञता जारी की. एजेंसी के अधिकारियों ने मौके पर अन्य कर्मियों से पूछताछ की, तब जानकारी मिली की मंगलवार को डीसी को आठ लाख रुपए आए थे. ये पैसे किन स्रोतों से आए हैं, ईडी यह जांच कर रही है. ईडी अधिकारियों के मुताबिक, अवैध गोली की बरामदगी के मामले में एजेंसी स्थानीय थाने में केस दर्ज कराएगी.
सैलरी से पैसे नहीं निकाले:ईडी ने जांच में पाया है कि डीसी रामनिवास यादव ने साहिबगंज में पोस्टिंग के बाद अपनी सैलरी अकाउंट से कभी पैसे नहीं निकाले. ईडी ने इस विषय में भी बुधवार से उनसे पूछताछ की है कि बगैर सैलरी खाते से निकासी से वह कैसे गुजारा करते थे. एजेंसी ने जांच में पाया है कि एजेंसी के द्वारा जब उन्हें समन किया गया था, उसके बाद उन्होंने सैलरी खाते से निकासी शुरू की थी.