रांची: ईडी ने झारखंड के सत्ता के पावर ब्रोकर कहे जाने वाले प्रेम प्रकाश की जमानत याचिका के खिलाफ दायर हलफनामे में कई खुलासे किए हैं. ईडी ने झारखंड के सत्ता के शीर्ष से लेकर राज्य के नौकरशाह तक में प्रेम प्रकाश के प्रभाव का जिक्र हलफनामें में किया है. ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को दिए हलफनामें में दानिश रिजवान नाम के गवाह का जिक्र करते हुए बताया है कि मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू लगातार प्रेम प्रकाश के संपर्क में थे.
हलफनामे में यह बताया गया है कि साल 2023 के जनवरी-फरवरी महीने में प्रेम प्रकाश ने 10 लाख का पेमेंट ईडी के गवाह विजय हांसदा को कराया था. पैसे मिलने के बाद ही विजय हांसदा ने अपना बयान बदल लिया था. इस मामले में विजय हांसदा ने ईडी के अफसरों पर केस भी कराया था. सुप्रीम कोर्ट को ईडी ने बताया है कि विजय हांसदा के केस को मैनेज करने के लिए पुलिस अधिकारियों ने ही दिल्ली के लिए टिकट तक का इंतजाम किया था.
गृह सचिव समेत अन्य अधिकारियों के साथ प्रेम प्रकाश की नजदीकी: सुप्रीम कोर्ट के हलफनामे में जिक्र है कि प्रेम प्रकाश की नजदीकियां राज्य पुलिस के कई वरिष्ठ नौकरशाहों से है. वर्तमान गृह सचिव भी प्रेम प्रकाश के बेहद करीबी हैं. चुकी जेल भी वर्तमान गृह विभाग के अधीन ही आता है. वर्तमान गृह सचिव के द्वारा ही 16 अक्तूबर 2017 को एक पत्र सरकार को लिखा था, जिसमें प्रेम प्रकाश को बॉडीगार्ड देने के लिए लिखा गया था. इस पत्र की कॉपी भी हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट में दी गई है.
ईडी के हलफनामें में जिक्र है कि प्रेम प्रकाश के खिलाफ एक केस में ट्रायल शुरू हो गया है, जबकि दूसरे केस में ट्रायल होना है, लेकिन कुछ गवाहों ने सुरक्षा कारणों से एजेंसी को सहयोग करने पर चिंता जतायी है.
जेल अफसरों की भूमिका सन्देहास्पद:ईडी ने अपने हलफनामे में यह भी बताया है कि इसी साल होली की पूर्व संध्या पर प्रेम प्रकाश की मुलाकात एक युवती से करायी गई थी. युवती के साथ तीन सिपाही भी थे, सभी पुलिस की वर्दी में जेल पहुंचे थे. इस दौरान युवती को प्रेम प्रकाश ने ईडी अफसरों को फंसाने के लिए कई सारे निर्देश दिए थे. जेल में शराब, मोबाइल फोन भी जेल अधिकारी प्रेम प्रकाश को उपलब्ध कराते थे. ईडी के अधिकारियों को फंसाने के मामले में प्रेम प्रकाश के साथ साजिश में तत्कालीन जेल अधीक्षक हामिद अख्तर व जेलर नसीम खान शामिल थे.