रांची:झारखंड के शराब और बालू कारोबारी योगेंद्र तिवारी और उसके करीबियों के ठिकानों पर एक साथ ईडी की छापेमारी से राज्य में हड़कंप मचा हुआ है. अब सवाल है कि शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी है कौन. ईडी की कार्रवाई से पहले साल 2020 में राज्य सरकार के भी रडार पर क्यों था. जामताड़ा के अलग-अलग थानों में इसके खिलाफ कुल 14 प्राथमिकी दर्ज है. सूत्रों के मुताबिक इन्हीं प्राथमिकियों में से दो प्राथमिकी ऐसी हैं, जिनमें उत्पाद अधिनियम की धाराएं लगी हैं. उसी को ईडी ने ECIR बनाकर कार्रवाई की है.
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साल 2020 में योगेंद्र के करीबियों के नाम शराब दुकानों में स्टॉक मिलान में गड़बड़ी मिली थी. उस दौरान कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. हालांकि हिरासत में लेने के बाद जांच का हवाला देकर पुलिस ने योगेंद्र को छोड़ दिया था. ईडी की इस कार्रवाई पर भाजपा सांसद दीपक प्रकाश ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि खनन घोटाला और जमीन घोटाला के बाद शराब घोटाला सामने आया है. काली करतूत करने वालों का चेहरा बेनकाब होना चाहिए.
कौन है शराब किंग योगेंद्र तिवारी:योगेंद्र तिवारी मूल रूप से बिहार के सिवान का रहने वाला है. इसके पिता रामेश्वर तिवारी चितरंजन रेल इंजन कारखाना में कर्मचारी थे. उन्होंने जामताड़ा के मिहिजाम में अपना बसेरा खड़ा किया. सेवानिवृत्त होने के बाद रामेश्वर तिवारी सरकारी हाट-बाजार को ठेका पर लेने लगे. इसके बाद देसी शराब डिपो का डाक लेना शुरू किया. उनके इस काम को आगे बढ़ाया उनके पुत्र योगेंद्र तिवारी ने. योगेंद्र तिवारी अपने तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर हैं. उसके बड़े भाई जोगेंद्र तिवारी फिजिशियन हैं. उन्होंने रूस से मेडिकल की डिग्री ली है. एक भाई का नाम अमरेंद्र तिवारी उर्फ नन्हे है.
योगेंद्र तिवारी ने अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाकर अकूत संपत्ति अर्जित की. सूत्रों के मुताबिक इसके और परिजनों के नाम जामताड़ा में बाइक का शोरूम, जामताड़ा में होटल, महिजाम में होटल, दुमका में एक ज्वेलरी का शोरूम, देवघर के डाबर ग्राम में मैहर गार्डन है. इसने दुमका, जामताड़ा, देवघर, गोड्डा, रांची, धनबाद में अच्छी खासी प्रोपर्टी खड़ी की है. मिहिजाम स्थित योगेंद्र तिवारी के घर में एसबीआई की शाखा चलती है. यह शख्स बालू के अलावा शराब और रियल स्टेट का भी कारोबार करता है. इसकी दो प्रमुख कंपनियां मैहर डेवलपर्स और मैहर होटल्स प्रा.लिमिटेड के नाम से रजिस्टर्ड हैं. मैहर डेवलपर्स के नाम से दुमका के कुमड़ाबाद में देसी शराब बनाने की फैक्ट्री भी चलती है. इसी साल मार्च में आईटी की टीम ने योगेंद्र तिवारी के ठिकानों पर पहुंचकर सर्वे किया था. पूर्व में ईडी भी योगेंद्र तिवारी और उसके भाई अमरेंद्र तिवारी से पूछताछ कर चुकी है.