रांची:जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार किए गए सात आरोपियों को चार दिनों के लिए ईडी की रिमांड पर दिया गया है. ईडी ने 5 दिनों की रिमांड की मांग की थी. लेकिन ईडी के विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार की कोर्ट में सिर्फ चार दिनों की ही रिमांड दी. माना जा रहा है कि इनसे पूछताछ के बाड पूर्व डीसी आईएएस अधिकारी छवि रंजन को भी ईडी अपने दफ्तर बुला सकती है.
गिरफ्तार अंचल कर्मी और भू माफियाओं ने छवि रंजन को लेकर कई जानकारियां ईडी को दी है. छवि रंजन के द्वारा रांची डीसी के कार्यकाल के दौरान ही सेना की जमीन पर कब्जे की कोशिश शुरू हुई थी. इस पूरे मामले में तत्कालीन डीसी छवि रंजन की भूमिका बेहद संदिग्ध है. ईडी से मिली जानकारी के अनुसार बड़गाई सीओ मनोज कुमार ने इस सम्बंध में कई जानकारियां एजेंसी को दी है. बड़गाई सीओ के अनुसार सेना की कब्जे वाली जमीन प्रकरण में तत्कलीन डीसी छवि रंजन ने पूरे अंचल पर दबाव बनाया था. छवि रंजन के दबाव में ही सेना की जमीन मामले में कई बदलाव किए गए जो गलत थे.
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अगले सप्ताह हो सकती है पूछताछ:ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आईएएस अधिकारी छवि रंजन से पूछताछ के लिए अगले हफ्ते उन्हें एजेंसी के दफ्तर बुलाया जाएगा. आने वाले सोमवार से लेकर शनिवार तक किसी भी दिन छवि को एजेंसी के दफ्तर बुलाया जा सकता है.
सामने बैठा कर हो सकती है पूछताछ:शुक्रवार को ईडी ने अंचल कर्मी भानु प्रताप सहित सात भू माफियाओं को भी गिरफ्तार किया है. शुक्रवार को तो सभी को जेल भेज दिया गया था, लेकिन अब इनसे पूछताछ के लिए ईडी अदालत में रिमांड के लिए आवेदन देने वाली है. रिमांड मिलते ही भानु, बागची जैसे लोगों से पूछताछ होगी. इसी दौरान छवि रंजन को भी बुलाया जाएगा. एजेंसी इस दौरान छवि रंजन और गिरफ्तार आरोपियों को आमने सामने लाकर भी पूछताछ कर सकती.
हमेशा विवादों में रहे है छवि रंजन:रांची के पूर्व डीसी और आईएएस अधिकारी छवि रंजन हमेशा विवादों में रहे है. खासकर रांची में अपने कार्यकाल के दौरान जमीन मामलों को लेकर अक्सर में विवादित कार्य करते रहे. रांची के विधायक सीपी सिंह ने तो भरे विधानसभा में उन पर कई तरह के आरोप लगा दिए थे. विधानसभा में सीपी सिंह ने कहा था कि छवि रंजन आर्म्स लाइसेंस देने के लिए लाखों रुपए रिश्वत लेते हैं. ये तो मात्र एक विवाद है. इससे पहले भी वे कोडरमा में पेड़ कटाई की की वजह से एंटी करप्शन ब्यूरो के रडार पर आ गए थे, लेकिन सेना जमीन खरीद में हुई गड़बड़ी के बाद से ही छवि रंजन ईडी की रडार पर आ गए.
ईडी ने सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की खरीद बिक्री में गड़बड़ी की जांच बरियातू थाने में दर्ज केस के आधार पर शुरू की थी. नगर निगम के कर संग्रहकर्ता दिलीप शर्मा ने नगर आयुक्त के आदेश पर प्रदीप बागची के खिलाफ फर्जी आधार कार्ड, फर्जी बिजली बिल, पजेशन लेटर देकर होल्डिंग के आवेदन देने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था. इसके बाद ईडी ने इस मामले में केस दर्ज किया था. प्रदीप बागची ने जमीन की रजिस्ट्री जगत बंधु टी स्टेट के नाम पर कर दिया था. इस कंपनी में चर्चित कारोबारी अमित अग्रवाल पूर्व में निदेशक रह चुके हैं, निदेशकों के यहां ईडी पूर्व में दबिश दे चुकी है.
वहीं ईडी ने डिप्टी रजिस्ट्रार घासीरामी पिंगूआ के यहां इस मामले में छापेमारी की थी, वहीं उससे पूछताछ की थी. तब डिप्टी रजिस्टार ने बताया था कि उसने तत्कालीन डीसी छवि रंजन के कहने पर जमीन की रजिस्ट्री की थी. रांची में कई सौ एकड़ जमीन की खरीद में छवि रंजन के पद पर रहने के दौरान ही घोटाला हुआ, ऐसे में वह एजेंसी की रडार पर आ गए थे.