रांची:झारखंड के साहिबगंज एसपी नौशाद आलम को ईडी के द्वारा पूछताछ के लिए समन जारी किया गया है. ईडी के गवाहों को धमकाने के मामले में नौशाद अलाम से पूछताछ की जाएगी. विजय हांसदा मामले में साहिबगंज एसपी की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. ईडी ने समन जारी कर नौशाद आलम को 22 नवंबर को ईडी के जोनल कार्यालय बुलाया है.
ये भी पढ़ें-जेल अधीक्षक हामिद अख्तर से ईडी ने की पूछताछ, जेल आईजी को ईडी कार्रवाई के लिए भेजेगा पत्र
22 नवंबर को बुलाया गया:साहिबगंज एसपी नौशाद आलम को ईडी के जोनल कार्यालय में 22 नवंबर को दिन के 11:00 बजे पूछताछ के लिए बुलाया गया है. रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से ईडी के कुछ गवाहों को धमकियां दी गईं थीं. इसी मामले में नौशाद आलम से पूछताछ की जाएगी. इससे पहले इस मामले में रांची जेल के अधीक्षक, जेलर और बड़ा बाबू से पूछताछ हो चुकी है. जानकारी के अनुसार नौशाद आलम लगातार जेल में बंद आरोपियों के संपर्क में थे. जेल के अफसर और कर्मियों से पूछताछ के दौरान नौशाद आलम के संलिप्त होने की बात सामने आई थी.
पहले आईपीएस जिनको हुआ समन:साहिबगंज के एसपी नौशाद आलम पहले आईपीएस हैं जिनको ईडी के द्वारा समन जारी किया गया है. दो माह पूर्व ही आईपीएस अधिकारी नौशाद आलम को साहिबगंज के पुलिस अधीक्षक के रूप में जिम्मेदारी सौंप गई है. उससे पूर्व रांची के ग्रामीण एसपी के रूप में कार्यरत थे.
जेल से मिली थी ईडी को शिकायत:रांची जेल से कई कैदियों ने प्रेम प्रकाश के खिलाफ शिकायत ईडी और सरकार को को थी. लेकिन प्रेम प्रकाश को जेल में आई फोन समेत अन्य सुविधाएं मिलने की जानकारी से जुड़े पत्र जेल प्रशासन ने कभी एजेंसियों तक पहुंचने ही नहीं दिया. जिन कैदियों ने एजेंसी से शिकायत की थी जब वह जेल से बाहर निकले तब उन्होंने सशरीर हाजिर होकर एजेंसी को सारी बातें बताई. जेल से बाहर निकले कैदियों ने ईडी को बताया है कि जेल के अफसरों और कर्मियों का फायदा उठाने की नीयत से प्रेम प्रकाश ने सभी का इस्तेमाल किया. जेल में प्रेम प्रकाश को सभी सुविधाएं दी जाती थीं. बदले में प्रेम प्रकाश ने जेल अधिकारियों के आर्म्स का लाइसेंस करवाया था और उनकी आर्थिक मदद भी की.