रांचीः झारखंड सरकार की खान सचिव पूजा सिंघल से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनरेगा घोटाले में पूछताछ शुरू कर दी. मंगलवार को दिन के 11 बजे से लेकर रात आठ बजे तक पूजा सिंघल और उनके पति अभिषेक झा से पूछताछ की गयी. ईडी ने जहां पूजा सिंघल से पहले दिन की पूछताछ में मनरेगा घोटाले के आरोपी रामविनोद सिन्हा से पांच प्रतिशत कट मनी लेने और उस दौरान आय से 1.43 करोड़ अधिक बैंक खातों में होने की पहलूओं पर पूछताछ की.
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आरोपों से इनकार करती रहीं पूजाः ईडी की पूछताछ के दौरान पूजा सिंघल ने मनरेगा घोटाले में अपनी संलिप्तता से सीधे सीधे इनकार किया. पूजा सिंघल ने ईडी के अफसरों को बताया कि उन्होंने कभी रामविनोद सिन्हा या किसी दूसरे अधिकारी से पैसे नहीं लिए. पूजा सिंघल ने कहा कि मनरेगा मामले में उनके खिलाफ प्रधान सचिव स्तर के अधिकारी को विभागीय जांच पदाधिकारी बनाया गया था. लंबे समय तक चली इस जांच के दौरान उनसे पक्ष भी पूछा गया था, तब एक एक विषय पर उन्होंने जांच कमिटी को जवाब दिया था. उनके जवाब से संतुष्ट होने के बाद ही उन्हें विभागीय जांच में तत्कालीन सरकार ने क्लीनचिट दिया था.
दो तत्कालीन अफसरों को घेराः जानकारी के मुताबिक पूजा सिंघल ने पूछताछ में कहा कि इस मामले में जूनियर इंजीनियर रामविनोद सिन्हा और आरके जैन ने डीसी नहीं बल्कि डीडीसी व दूसरे मातहत अधिकारियों को पैसे देने की बात कही थी. रामविनोद सिन्हा ने खुद कबूला था कि वह पांच प्रतिशत राशि तत्कालीन डीडीसी अभय नंदन अंबष्ठ व किंडो नाम के अधिकारी को दिया करते थे. रामविनोद सिन्हा ने सीधे तौर पर कभी डीसी को पैसे देने की बात नहीं कही.
मनरेगा घोटाले के दौरान खाते में सैलरी से अधिक 1.43 करोड़ का जवाब नहीं दे पायीं पूजाः आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल ईडी के सवालों में उलझ कर रह गयीं, जब उनसे पूछा गया कि चतरा, खूंटी और पलामू में डीसी रहते हुए उनके खातों में उनकी सैलरी से 1.43 करोड़ रुपये कहां से आए. पूजा सिंघल 16 अगस्त 2007 से 16 सितंबर 2008 तक चतरा, 16 फरवरी 2009 से 19 जुलाई 2010 तक खूंटी और 19 जुलाई 2010 से 8 जून 2013 के बीच पलामू की डीसी थीं.
पूछताछ के बाद लौटती पूजा सिंघल ईडी ने इन तीनों कार्यकाल के दौरान पूजा सिंघल के अलग अलग बैंक खातों व दूसरे निवेश की जानकारी जुटायी. जांच में यह बात सामने आयी थी कि पूजा सिंघल व उनके पति अभिषेक झा के खाते में मनरेगा घोटाले के दौरान सैलरी से 1.43 करोड़ रुपये अधिक आए थे. ईडी ने इन पैसों की आमद पर पूजा सिंघल से सवाल किया तो वह उन सवालों का जवाब नहीं दे पायीं.
सुमन के बैंक खाते में डाले थे लाखों रुपयेः ईडी ने यह भी पूछा कि उन्होंने अपने खाते से सीए सुमन के खाते में कई बार लाखों रुपये क्यों डाले थे. ईडी ने साक्ष्य जुटाया है कि सुमन कुमार व उससे जुड़ी कंपनियों में पूजा सिंघल ने पैसे ट्रांसफर किए थे. जानकारी के मुताबिक पूजा सिंघल ने 2005 से 2013 तक लाइफ इंश्योरेंस की 13 पॉलिसी में 80.81 लाख निवेश किया था. प्रिमैच्योर तरीके से इंश्योरेंस क्लोज कर कुल 84.64 लाख की आमद खाते में हुई थी. क्लोजर एमाउंट में से पूजा सिंघल ने 3.96 लाख रुपये 26 मई 2015 को सीए सुमन कुमार को भेजे गए थे. दोबारा 28 मार्च 2016 को 6.39 लाख सुमन के खाते में भेजे गए.
सुमन से जुड़े कई फर्म में भी पैसे ट्रांसफरः जांच में यह बात सामने आयी है कि पूजा सिंघल ने सुमन कुमार के पिता घनश्याम सिंह के पार्टनरशिप फर्म मेसर्स संतोष क्रुशेरर मेटल वर्क्स के खाते में 21 सितंबर 2017 को 6.22 लाख व मेसर्स राधेश्याम एक्सप्लोसिव प्राइवेट लिमिटेड में भी पैसे डाले थे. ईडी की पूछताछ के दौरान पूजा सिंघल यह नहीं बता पायीं कि उन्होंने ये पैसे क्यों सुमन कुमार को भेजे थे.