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जेल से मिली धमकी का ऑडियो ईडी ने किया हासिल, दो जेलकर्मियों को जारी हुआ समन - जेलर से पूछताछ

ED's interrogation of jailer Pramod Kumar. रांची के एक प्रतिष्ठित अखबार के प्रधान संपादक को रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के अंदर से मिली धमकी मामले में रांची जेल के जेलर प्रमोद कुमार से मंगलवार को ईडी ने लंबी पूछताछ की. जेलर से पूछताछ के आधार पर ईडी ने जेल के दो अन्य कर्मियों को भी समन जारी कर पूछताछ के लिए तलब किया है.

ED interrogates jailer Pramod Kumar in case of threatening editor
ED interrogates jailer Pramod Kumar in case of threatening editor

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 2, 2024, 9:54 PM IST

रांची:शराब घोटाला मामले में रांची जेल में बंद ईडी के आरोपी योगेंद्र तिवारी को जेल में सुविधाएं पहुंचाने को लेकर ईडी ने रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के जेलर प्रमोद कुमार से मंगलवार को पूछताछ की. प्रमोद मंगलवार के दिन के 10:45 बजे एजेंसी के रांची जोनल ऑफिस पहुंचे थे. प्रमोद कुमार ने एजेंसी को योगेंद्र तिवारी द्वारा प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को किए गए कॉल की पूरी रिकार्डिंग सौंपी है. योगेंद्र तिवारी ने 29 दिसंबर को आशुतोष चतुर्वेदी को फोन कर धमकी दी थी. इसके बाद एजेंसी ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जेलर प्रमोद कुमार को समन भेजा था.

जेल के दो कर्मियो की भूमिका संदेह भरा:मंगलवार को पूछताछ के दौरान जेलर प्रमोद कुमार ने ईडी के सामने कुछ भी नहीं छुपाया. ईडी के हर सवाल का जेलर ने जवाब दिया. पूछताछ के दौरान जेलर प्रमोद कुमार ने ईडी को बताया है कि धमकी वाले मामले में जेल के कंप्यूटर ऑपरेटर पवन कुमार और जमादार अवधेश कुमार की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. प्रमोद कुमार ने ईडी को यह भी जानकारी दी है कि जेल प्रशासन ने योगेंद्र तिवारी को फोन कॉल नंबर उपलब्ध कराने के मामले में पवन कुमार और अवधेश कुमार को शोकॉज भी किया है.

अब होगी अवधेश और पवन से पूछताछ:जेल से मिली धमकी मामले में अब ईडी जेलकर्मी अवधेश और पवन से भी पूछताछ करेगी. जानकारी के अनुसार पूछताछ के लिए एजेंसी ने दोनों को समन भी जारी कर दिया है. ईडी की पूछताछ में यह बात भी सामने निकल कर आई है कि योगेंद्र तिवारी के द्वारा धमकी देने के लिए जेल के बूथ वाले फोन का इस्तेमाल किया गया था. नियम के अनुसार जेल टेलीफोन बूथ से बातचीत के लिए कैदियों के परिजनों के एक से दो नंबरों को ही रिकॉर्ड के लिए रखा जाता है, लेकिन कंप्यूटर ऑपरेटर पवन कुमार और अवधेश कुमार ने मिलीभगत कर अखबार के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी और संपादक विजय पाठक के नंबर भी दर्ज करा दिया था. उसी का फायदा उठाकर योगेंद्र तिवारी के द्वारा प्रधान संपादक को फोन कर धमकी दी गई.

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